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उत्तराखंड में लगातार बारिश ने तबाही मचाई हुई है। जगह-जगह सड़कें बंद हैं। बारिश कहर बनकर बरस रही है। मौसम विभाग की ओर से प्रदेश में 15 अगस्त तक के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया। कुछ जिलों में खासतौर पर अलर्ट रहने की अपील की है।
मौसम विभाग की ओर से देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और चंपावत जिले के कई इलाकों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। जबकि अन्य जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है।
देहरादून, टिहरी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में भारी बारिश हो सकती है। वहीं, तीन-चार घंटे की बारिश में ही तेज आंधी-तूफान की भी आशंका है। उन्होंने नदी किनारे रहने वालों लोगों को आगामी 15 अगस्त तक सतर्क रहने की सलाह दी है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने कहा, अगले कुछ दिनों प्रदेशभर में भारी बारिश होने की संभावना है। जिसके चलते संवेदनशील इलाकों में भूस्खलन होने और चट्टानों के टूटने से सड़क मार्ग और राजमार्ग बंद हो सकते हैं।
भारत-चीन सीमा पर नेलांग घाटी में चोरगाड़ नदी पर बना बैली ब्रिज का पिलर ढहने से पुल नदी में समा गया है जिससे सेना और आईटीबीपी के जवानों का हिमाचल प्रदेश को जोड़ने वाले मार्ग सहित अंतरराष्ट्रीय सीमा से संपर्क कट गया है।
पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक के डांडामंडल क्षेत्र के देवराना में नौ और 10 अगस्त को हुई मूसलाधार बारिश के कारण कई मकानों में करीब दो फीट चौड़ी दरारें आ गई हैं। कई मकान टूटे गए हैं। गांव के करीब 32 परिवार खतरे की जद में आ गए हैं। ग्रामीणों की सूचना पर प्रशासन ने गांव में डेरा डाल दिया है। ग्रामीणों ने गांव के विस्थापन की मांग की है।
भूस्खलन से जोशीमठ के पगनों गांव में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। गांव के पीछे पहाड़ी से हो रहे भूस्खलन के कारण नौ परिवारों ने अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों में शरण ले ली है। जबकि 35 अन्य परिवारों को भी शिफ्ट करने की तैयारी है। शनिवार को जोशीमठ से एसडीएम कुमकुम जोशी ने गांव में जाकर स्थिति का जायजा लिया।
ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे हिंडोलाखाल के पास दूसरे दिन भी बंद रहा। सिलवन में पहाड़ी से आए मलबे को लगातार जेसीबी व पोकलैंड से हटाया जा रहा है। एनएच पर यातायात बहाल नहीं होने से छोटे वाहनों का संचालन आगराखाल-द्यूली-भोगपुर थानों मोटर मार्ग से किया जा रहा है।