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रायपुर पुलिस ने चंडीगढ़ ब्रांड की शराब को डिफेंस का बताकर महंगे दाम पर बेचने वाले शराब तस्कर गिरोह का खुलासा किया है। पुलिस ने गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर 28 पेटी शराब की बरामद की है। आरोपियों के पास से डिफेंस के 400 से ज्यादा फर्जी स्टीकर बरामद किए गए हैं। गिरोह ने पित्थूवाला में गोदाम बना रखा था। पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में दबिश दे रही है।
एसएसपी ऑफिस में आयोजित प्रेसवार्ता में एसपी क्राइम मिथिलेश कुमार ने बताया थानाध्यक्ष रायपुर कुंदम राम को सूचना मिली थी कि देहरादून में चंडीगढ़ व अन्य राज्यों से शराब लाकर बेचने वाला एक गिरोह सक्रिय है। सूचना पर तीन पुलिस टीमें गठित कर रायपुर क्षेत्र में दो स्थानों पर संदिग्ध वाहनों की चेकिंग शुरू की गई।
खंलगा पुल के पास पुलिस ने स्कूटी सवार प्रवीण कुमार ठाकुर व अश्विनी कुमार उर्फ चिक्कू निवासी बालावाला को गिरफ्तार किया। उनके कब्जे से पांच पेटी (60 बोतल) अंग्रेजी शराब बरामद हुई। शराब की बोतलों पर डिफेंस के फर्जी स्टीकर लगे थे। स्कूटी की डिग्गी से भी डिफेंस के 32 फर्जी स्टीकर बरामद हुए। पुलिस ने दोनों के खिलाफ आबकारी अधिनियम व धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया, उनका पांच लोगों का गिरोह है। वह चंडीगढ़ से शराब लेकर देहरादून आते हैं। यहां उन्होंने एकता एनक्लेव पित्थूवाला में गोदाम बना रखा है। इस शराब पर वे डिफेंस का स्टीकर लगा वह आर्मी से रिटायर्ड और आम लोगों को बेचते थे। इसके बाद पुलिस ने पित्थुवाला में आरोपियों के गोदाम पर छापा मारा और वहां से विभिन्न ब्रांड की 21 पेटी अग्रेजी शराब बरामद की। गोदाम से भी डिफेंस के 390 फर्जी स्टीकर बरामद हुए।
आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने बालावाला के रहने वाले जितेन्द्र सिंह रावत को भी गिरफ्तार किया। उसके कब्जे से भी डिफेंस का फर्जी स्टीकर लगी दो पेटी अंग्रेजी शराब बरामद हुई। जितेंद्र भी आरोपियों से शराब खरीदकर दूसरे लोगों को बेचता था। जितेंद्र आर्मी का पूर्व जवान है।
पुलिस के मुताबिक पकड़ा गया आरोपी प्रवीन पहले सीएसडी कैंटीन आराघर में काम करता था। यहां कैंटीन के हेड से उसकी पहचान हुई थी। दोनों ने मिलकर बाहरी राज्यों से शराब लाकर डिफेंस का फर्जी स्टीकर लगाकर बेचने की योजना बनाई। कैंटीन का पूर्व हेड ही उन्हें फर्जी स्टीकर उपलब्ध कराता था। जिसमें फोर डिफेंस पर्सन ओनली, ओनली फोर डिफेंस सर्विसेज व ओनली कैंटीन सर्विसेज लिखा होता था। पुलिस अब उसकी तलाश कर रही है।
डिफेंस का स्टीकर लगने से मिलते थे अच्छे दाम
आरोपियों ने बताया कि डिफेंस की शराब की मांग ज्यादा है इसलिए बोतल पर डिफेंस का फर्जी स्टीकर लगा होने से उन्हें शराब के अच्छे दाम मिलते हैं। कुछ रिटायर्ड आर्मी के जवान उक्त शराब को डिफेंस की शराब बताकर बेचते हैं। देहरादून में कई स्थानों पर यह गिरोह शराब सप्लाई करता है।
पुलिस के मुताबिक आरोपियों का पांच लोगों का गिरोह है। जिसमें प्रवीण, अश्वनी, पूर्व सीएसडी कैंटीन हेड और दो व्यक्ति शामिल हैं। अन्य लोगों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।