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पहाड़ों से लेकर मैदान तक 18 जुलाई को भी मूसलाधार बारिश की संभावना जताई गई है। हालांकि 18 जुलाई के बाद बारिश में कुछ कमी आने की संभावना भी है। उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण अलकनंदा नदी उफान पर है। नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण श्रीनगर बांध से पानी भी छोड़ा गया। जिसका असर देवप्रयाग से लेकर हरिद्वार तक दिखा। हरिद्वार में गंगा चेतावनी का निशान पार कर गई।
उत्तराखंड में राजधानी देहरादून सहित कई जिलों में हुई भारी बारिश की वजह से 275 सड़कें बाधित हैं जिनमें कई राज्य मार्ग और जिला मार्ग सहित आंतरिक मार्ग शामिल है। उधर आपदा में बचाव राहत कार्य के लिए दो हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं जबकि हरिद्वार में बैराज के टूटे हुए गेट के लिए स्टांप ब्लॉक लगाया गया है।
भारी बारिश की वजह से जहां बद्रीनाथ मार्ग में मलवा आने से हजारों यात्री फंसे रहे वहीं दूसरी तरफ गंगा में बहने से दो बहनों की मौत हो गई। भारी बारिश की वजह से कई नदियां उफान पर बह रही हैं।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक अगले 3 दिन तक इसी तरह बरसात रहने की उम्मीद जताई गई है। लिहाजा आपदा प्रबंधन व सभी जिलों के जिला प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
भारी बारिश से त्यूणी-चकराता-मसूरी-बाटाघाट-मलेथा हाईवे 707ए कैंपटी के पास दो जगह से कट गया। इससे मार्ग संकरा हो गया है। इसके अलावा कई जगह दरारें आने से लोगों को आवाजाही में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने शीघ्र हाईवे की मरम्मत की मांग की है।
मसूरी से त्यूणी, चकराता, बाटाघाट, मलेथा जाने के लिए लोग इस हाईवे का इस्तेमाल करते हैं। क्षेत्र में हुई भारी बारिश के दौरान हाईवे दो जगह से टूटकर खाई में गिर गया। कैंपटी पेट्रोल पंप के पास करीब 30 मीटर और संतुरा देवी मंदिर के पास करीब 20 मीटर हिस्सा धंस गया है। इससे मार्ग संकरा हो गया है और लोगों को आवाजाही में मुश्किलें हो रही हैं। वहीं, कुछ स्थानों पर दरारें भी आ गईं हैं। इससे खतरा बना हुआ है।
हिमाचल में जिला सिरमौर में भारी बारिश के चलते नेशनल हाईवे 07 चंडीगढ़ कालाअंब पांवटा साहिब देहरादून मार्ग 2 घंटे सैनवाला में बंद रहा।
चीन सीमा को जोडऩे वाला टनकपुर -तवाघाट हाईवे दोबाट से आगे बंद है। जिसके चलते पिथौरागढ़ में चलते चीन सीमा से लगा क्षेत्र अलग-थलग पड़ा है। व्यास ,दारमा और चौदास को गए वाहन फंसे हैं। कालिका क्षेत्र में खुम्ती गांव में हुए भ्रू कटाव से आवासीय मकान खतरे में आ चुके हैं।
भारी बारिश के बीच उत्तराखंड में बिजली का संकट भी गहराने लगा है। जल विद्युत परियोजनाओं में उत्पादन कम होने की वजह से ऊर्जा निगम की मुश्किलें बढ़ गई है।भारी बारिश का असर छिपरो, ढकरानी, ढलीपुर आदि परियोजनाओं पर दिख रहा है। टोंस और यमुना नदी में अधिक मात्रा में सिल्ट आने के कारण परेशानी बढ़ रही है।
हालांकि ऊर्जा निगम ने दावा किया है कि आवश्यकता के अनुसार राष्ट्रीय बाजार से अतिरिक्त बिजली खरीदकर आपूर्ति सुचारू रखने का प्रयास किया जा रहा है।