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अनुभव के साथ आत्मविश्वास भी बढ़ता जाता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ही देखिए, दूसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं, मगर पहला कार्यकाल महज सात-आठ महीने का ही रहा। उस पर आखिरी दो महीने चुनाव आचार संहिता में गुजरे। अब धामी ने दूसरे कार्यकाल का एक वर्ष पूरा किया। अमूमन धामी सौम्य रहते हैं, अधिक आक्रामकता उनकी शैली नहीं। इसके उलट अपनी सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में वह अचानक गरज पड़े।
धामी ने प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को बरगलाने वालों को दो टूक चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि कई लोग ऐसे हैं, जो अपनी राजनीतिक जमीन बचाने के लिए नौजवानों का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐेसे लोग अब बचने वाले नहीं हैं। दरअसल, उनके दूसरे कार्यकाल में भर्ती परीक्षाओं में पेपरलीक व नकल के एक के बाद एक प्रकरणों ने उनके समक्ष सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा की।