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उत्तराखंड की धामी सरकार का एक साल का कार्यकाल पूरा हो गया। इस दौरान सीएम धामी ने कार्यक्रम में अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनवाईं। वहीं सीएम ने कई घोषणाएं भी कीं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने एक साल में कई कड़े फैसले लिए हैं। हमने जनता से किए वादों को धरातल पर उतारा है।
- प्रतियोगी परीक्षाओं में आने जाने में अभ्यर्थियों को किराए में 50% छूट।
- कक्षा 6 से ही प्रतियोगी परीक्षा के लिए तैयारी करेंगे छात्र।
- उत्तराखंड में साइंस एंड टेक्नोलॉजी पॉलिसी लाई जाएगी।
- दूरस्थ क्षेत्रों के लिए लैब ऑन व्हील बनेगा।
- हल्द्वानी के स्पोर्ट्स स्टेडियम में खेल विवि बनेगा।
- स्नातक पास छात्रों के स्किल डवलपमेंट के लिए योजना शुरू होगी। जिससे युवा विदेशों तक जा सकेंगे।
- 250 आबादी वाले गांवों को मुख्य सड़कों से जोड़ा जाएगा।
- जिला सेवायोजन कार्यालय को स्वरोजगार के नोडल के तौर पर भी जिम्मेदारी दी जाएगी।
- दिवालिखाल से गैरसैंण तक की सड़क का चौड़ीकरण होगा।
- लोकतंत्र सेनानी के निधन के बाद पेंशन उनकी पत्नी को दी जाएगी।
- इगास बग्वाल को पहचान दिलाने के लिए समेकित रूप से नीति बनेगी।
- उच्च न्यायालय ने महिलाओं के सरकारी नौकरियों में 30 फीसद क्षैतिज आरक्षण के शासनादेश पर रोक लगाई। धामी सरकार ने कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। वहां से राहत मिलने के बाद कानून बना दिया।
- राज्य आंदोलनकारियों के 10 फीसद क्षैतिज आरक्षण का भी सरकार पर दबाव बना। सीएम धामी ने राजभवन से सात साल से लंबित पड़े विधेयक को वापस मंगवाया और कैबिनेट ने राज्य आंदोलनकारियों को आरक्षण देने का फैसला लिया।
- धामी सरकार में जबरन धर्मांतरण कानून को और अधिक सख्त बना दिया गया। इसमें 10 साल तक सजा का प्रावधान किया गया।
- प्रतियोगी परीक्षाओं में घपला सामने आने के बाद सरकार ने नकल विरोधी कानून बनाया और इसमें 10 साल तक की सजा और संपत्ति जब्त करने के कठोर प्रावधान किए।
- विधानसभा में बैकडोर से लगे 228 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया। स्पीकर के अनुरोध पर सरकार ने इसकी अनुमति दे दी।