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उत्तराखंड में ऊधमसिंहनगर जिले के रुद्रपुर में 1971 से पहले पूर्वी पाकिस्तान से आए शरणार्थी परिवारों को पट्टे की भूमि पर मालिकाना हक मिलेगा। मंत्रिमंडल की बैठक में इसके लिए उत्तराखंड (सरकारी अनुदान अधिनियम, 1895 (अधिनियम संख्या -15 वर्ष, 1895) में राज्य के परिप्रेक्ष्य में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
ऊधमसिंहनगर जिले के रुद्रपुर में पूर्वी पाकिस्तानी (वर्तमान बांग्लादेश) से वर्ष 1971 से पहले आए शरणार्थियों को पुनर्वास योजना के तहत पट्टे की जमीन दी गई थी। इसी तरह बेरली में भी इस तरह के लोगों को पट्टे की जमीन दी गई। खेती के लिए सरकारी अनुदान अधिनियम, 1895 के अधीन जिला पुनर्वास कार्यालय, बरेली और जिला पुनर्वास कार्यालय, रुद्रपुर (पूर्ववर्ती जिला नैनीताल) वर्तमान जिला ऊधमसिंहनगर में भूमि पट्टे पर आवंटित की गई।
पूर्ववर्ती विजय बहुगुणा सरकार में इन्हें पट्टे पर मिली जमीन पर मालिकाना हक दिए जाने का आदेश जारी किया गया था, लेकिन रुद्रपुर में इस भूमि पर बसे लोगों को इसके बाद भी भूमि पर मालिकाना हक नहीं मिल पाया जबकि बरेली में बसे शरणार्थी परिवारों को मालिकाना हक मिला। अब सरकार की ओर से अनुदान अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
प्रदेश स्तर पर नगर निकायों के विस्तार से भू-राजस्व अधिनियम के तहत राजस्व विभाग से किए जाने वाले दाखिल-खारिज की कार्रवाई बाधित हुई हैं, जिस कारण प्रदेश में आमजन को हो रही कठिनाईयों, भूमि विवादों की बढ़ती संख्या एवं भू-राजस्व में आई कमी को देखते हुए इसके लिए संबंधित एक्ट में बदलाव किया गया है। इससे नए शामिल क्षेत्रों में भी निगम दाखिल खारिज कर सकेंगे। इससे समस्या के समाधान के साथ ही भू-राजस्व में भी वृद्धि होगी।