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देहरादून: विश्व भर में कोरोना के नए वेरिएंट की दस्तक से उत्तराखंड सरकार अब सतर्क मोड पर आ गई है।प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए शुक्रवार से भीड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं, अस्पतालों में आने वाले सर्दी-जुकाम, बुखार व श्वसन तंत्र से संबंधित मरीजों की आरटीपीसीआर जांच भी जरूरी कर दी गई है। बीते गुरुवार को सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार ने कोविड की एसओपी जारी की। सभी डीएम और सीएमओ को जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि कोरोना संक्रमित सैंपलों को अनिवार्य रूप से जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून भेजें। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार हाई रिस्क आबादी वाले क्षेत्रों में अनिवार्य रूप से कोविड वैक्सिनेशन करने के निर्देश दिए गए हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार BF.7, जिसका विस्तृत नाम BA.5.2.1.7 है, सबसे तेजी से फैलने वाला कोविड वायरस है। यह ओमीक्रोन के BA.5 वेरिएंट का सब-वेरिएंट है। दुनिया में सबसे ज्यादा लोग BA.5 से ही संक्रमित हुए हैं। भारत में BA.5 या BA.4 की तुलना में BA.2.75 सबसे ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है। यह माना जाता है कि यह वेरिएंट वायरस के अन्य स्वरूपों की तुलना में ज्यादा तेजी से फैलता है। BF.7 वेरिएंट के लक्षण ओमीक्रोन के दूसरे सब-वेरिएंट के समान हैं। बुखार, खांसी, गले में खराश, नाक बहना, थकावट, उल्टी और दस्त। इसलिए यह वेरिएंट कमजोर इम्युनिटी सिस्टम वाले लोगों के लिए गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है।