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उत्तराखंड के सबसे बड़े राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में तैनात सीनियर रेजिडेंट ऑर्थोपैडिक डॉक्टर शशांक सिंह ने मानवता की मिसाल कायम की है। उन्होंने पहले मरीज को एक यूनिट खून दिया। इसके बाद जांघ की कई जगह से टूटी हड्डी का ऑपरेशन किया।
सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों के व्यवहार और इलाज को लेकर मरीज के तीमारदार आमतौर पर शिकायतें करते हैं। लेकिन, राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के ऑर्थोपैडिक डॉक्टर शशांक सिंह ने ऑपरेशन से पहले मरीज को खून देकर यह साबित किया कि मरीज के प्रति डॉक्टर कितने गंभीर होते हैं।
सात नवंबर को देहरादून निवासी 60 वर्षीय अवधेश गहरे गड्ढे में गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उनकी छाती, हाथ और जांघ की हड्डी टूट गई है। इलाज के लिए उन्हें दून मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया। छाती, बाएं हाथ और जांघ की हड्डी में फ्रैक्चर होने से मरीज को तीन दिन आईसीयू में रखने के बाद हालत ठीक हो पाई।
इसके बाद मरीज की जांघ की हड्डी का ऑपरेशन किया। ऑपरेशन में विभागाध्यक्ष डॉक्टर अनिल जोशी ने साथ दिया। दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने डॉ. शशांक सिंह और उनकी टीम के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि मरीज के प्रति इस तरह की भावना प्रत्येक डॉक्टर व कर्मचारियों में होनी चाहिए।