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बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए शनिवार को विधि विधान के साथ बंद कर दिए गए हैं। धाम में कपाट बंदी के समय 5000 से अधिक श्रद्धालु मौजूद रहे। सेना के बैंडों की मधुर भक्तिमय धुन और बदरीविशाल के जयकारों से पूरा धाम गूंज उठा।
धाम के कपाट बंद होने के मौके पर पूरे मंदिर परिसर को गेंदे के फूलों से भव्य तरीके से सजाया गया था। इस सजावट में मुख्य द्वार के दोनों तरफ कमल के फूलों के कटआउट ने सबका ध्यान खींचा।
वहीं, बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है। दूसरी ओर, मंदिर की निशुल्क सजावट करने वाली ऋषिकेश की बदरीनाथ पुष्प सेवा समिति से जुड़े राकेश बड़थ्वाल ने बताया कि यह महज कलाकारों की परिकल्पना है।
इस बार रिकॉर्ड तीर्थयात्री बदरीनाथ धाम पहुंचे। इस साल यात्रा में 17 लाख 60 हजार 646 श्रद्धालु धाम पहुंचे। बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि इस साल यात्रियों की संख्या पिछले वर्षों की अपेक्षा ज्यादा रही है।
मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि यात्रा से मंदिर समिति को करीब 33 करोड़ की आय हुई है। वहीं धाम में इस साल एक करोड़ 25 लाख के चौलाई के लड्डू बिके जिससे मंदिर समिति को 25 लाख रुपये की आय हुई।
धाम की यात्रा सफलतापूर्वक संपन्न होने पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि सरकार, स्थानीय प्रशासन व आम लोगों के सहयोग से इस साल की यात्रा सफलता पूर्वक संपन्न हुई है।
सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने इसे भाजपा के चुनाव चिन्ह कमल से जोड़ते हुए टिप्पणी की। वहीं कांग्रेस ने इसे भाजपा की सोची समझी साजिश बताया। पार्टी के उपाध्यक्ष संगठन मथुरा दत्त जोशी ने कहा की भाजपा राजनीतिक लाभ के लिए धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल करती है। यह पहली बार नहीं है, जब भाजपा ने ऐसा किया हो।