उत्तराखंड में विधानसभा सत्र आहूत करने के लिए इस बार पुष्कर सिंह धामी सरकार ने नई परंपरा शुरू हो गई.

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उत्तराखंड में विधानसभा सत्र आहूत करने के लिए इस बार पुष्कर सिंह धामी सरकार ने नई परंपरा शुरू हो गई है। पहले सरकार की ओर से सत्र की तिथि और स्थान तय होने के बाद विधानसभा सर्वदलीय बैठक बुलाती थी। इस बार विधानसभा अध्यक्ष ने सरकार के निर्णय से पहले ही सर्वदलीय बैठक आयोजित कर, सभी दलों से रायशुमारी की है।राज्य गठन के बाद से ही विधानसभा सत्र को लेकर सरकार निर्णय करती आई है।

विधानसभा की कार्य संचालन नियमावली 2005 के आर्टिकल 174 के अनुसार, विधानसभा सत्र पर निर्णय लेने का अधिकार सरकार को ही है। इसके तहत विधायी विभाग की ओर से सत्र आयोजन के संबंध में प्रस्ताव तैयार कर गोपन को भेजा जाता है। जिस पर कैबिनेट निर्णय लेती है।

कैबिनेट के फैसले के संदर्भ में विधायी विभाग विधानसभा को अवगत कराया है और इसके आधार पर राजभवन को प्रस्ताव भेजा जाता है। राजभवन की मंजूरी के बाद विधानसभा इस संदर्भ में अधिसूचना जारी करती है। हालांकि इस बार सत्र को लेकर सरकार की ओर से अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। जबकि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी की ओर से सर्वदलीय बैठक बुला ली गई है।

विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने कहा कि विधानसभा सत्र पर आम राय बनाने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इसमें निर्दलीय विधायकों को भी आमंत्रित किया गया था। सत्र को लेकर निर्णय सरकार को ही लेना है। उसके बाद दलीय बैठक अलग से होगी।

संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के मुताबिक विधानसभा सत्र 16 दिसंबर से पहले होना है। इसी संदर्भ में विधानसभा अध्यक्ष ने बैठक बुलाई थी। मैं भी बैठक में मौजूद रहा और कई बिंदुओं पर चर्चा हुई है। सत्र का आयोजन कब और कहां होगा, इस पर फैसला कैबिनेट में लिया जाएगा।

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