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कर्नल सोबन सिंह दानू एक टांग से विकलांग शासन प्रशासन की चक्कर काट रहे हैं और गुहार लगा रहे हैं उनको सरकार द्वारा आवंटित की गई जमीन पर शहर के नामचीन व्यक्ति ने अतिक्रमण किया हुआ है और वह अपनी उस जमीन को मुक्त कराने के लिए शासन प्रशासन में गुहार लगाते हुए धक्के खा रहे हैं लेकिन शासन प्रशासन भी उनकी सहायता करने में फेल हो चुका है उन्होंने प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों को बताया कि दिनांक 7 अक्टूबर 2007 को मिलिटेंट के साथ एक ऑपरेशन के दौरान बारूदी धमाके में उनका दाहिना घुटना उड़ गया था उनकी वीरता के लिए तत्कालीन सरकार ने उनको ग्राम जोहड़ी स्थित खाता संख्या 407 के खसरा नंबर 436 का 4 जनवरी 2017 में एक प्लाट आवंटित किया गया था.
कर्नल सोबन सिंह दानू के मुताबिक सुधीर कुमार विंडलास एवं बंधुओं द्वारा उस प्लॉट पर अतिक्रमण कर दिया गया सीमांकन के दौरान पाया गया कि विंडलास द्वारा18.5 फीट चौड़ी सड़क एवं भूमि दरों की भूमि एवं आवंटन की गई भूमि को मध्य से 12 फीट ऊंची तार बाढ़ एवं ईंट की दीवार से घेरा गया . जिसको जिला अधिकारी के आदेश पर खड़ी की गई दीवार को 18-2-2020 और 217 2020 और 2112 2021 को राजस्व टीम द्वारा ध्वस्त किया गया. लेकिन विंडलास परिवार के राजनीतिक रसूख के चलते जब-जब दीवार को ध्वस्त किया गया विंडलास द्वारा पुनः बीच दीवार का निर्माण करा लिया गया. माननीय मुख्यमंत्री को इस विषय में अवगत कराने के बावजूद आज दिन तक विंडलास का जमीन पर कब्जा बना हुआ है.
कर्नल सोवन सिंह दानू का कहना है कि कोई महाबली शासन को काम करने नहीं दे रहा है. और उन्हें अपने आदेश पर कठपुतली की तरह नचा रहा है. माननीय प्रधानमंत्री के जीरो टॉलरेंस अगेंस्ट करप्शन की उत्तराखंड में धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. आखिर कौन लोग हैं जो भू माफियाओं का साथ दे रहे हैं? जब फौज के प्रतिष्ठित कर्नल के साथ ऐसा हो सकता है तो आम जनता का क्या होगा? जो कि शासन के भरोसे रहती है और अपने मतों का प्रयोग कर अपने नेताओं को चुनती है.