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हापुड़ से देहरादून चोरी करने के लिए आए आरोपितों ने पुलिस से बचने के लिए पूरी तैयारी की थी। अपने मोबाइल फोन उन्होंने देहरादून से सवा दो सौ किलोमीटर पहले गाजियाबाद में ही बंद कर दिए थे।
मोटरसाइकिलों के नंबर को भी शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों की जद में आने से बचाने के लिए पूरा प्रयास किया। लेकिन, एक आरोपित के कमीज के पैटर्न ने पूरे गिरोह को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। गाजियाबाद पहुंचते ही बंद कर दिए अपने मोबाइल फोन
आरोपित 17 सितंबर को अलग-अलग बाइक में हापुड़ से देहरादून के लिए निकले थे। उन्हें पता था कि पुलिस मोबाइल फोन के माध्यम से उन तक पहुंच सकती है, इसलिए चारों ने गाजियाबाद पहुंचते ही अपने मोबाइल फोन बंद कर दिए।
आलोक के घर से काफी दूर जाने के बाद आरोपितों ने मास्क उतारे। इससे शुरुआत में पुलिस को उनकी पहचान के लिए कोई सुराग नहीं मिल पा रहा था। इसी बीच पुलिस की नजर तरुण की चेकदार कमीज पर पड़ी, जो अन्य तीन आरोपितों से उसे अलग करती थी। दरअसल, अन्य तीन आरोपितों ने टीशर्ट पहन रखी थी। ऐसे में पुलिस ने तरुण की चेकदार कमीज को आधार बनाकर सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू किया। करीब 200 सीसीटीवी कैमरे खंगालने के बाद एक जगह चारों आरोपितों के चेहरे स्पष्ट नजर आ गए।
इसके बाद पुलिस ने उनकी फोटो सभी थाना-चौकियों को भेजी और मंगलवार को आरोपित चंद्रबनी रोड पर दबोच लिए गए। चौकी इंचार्ज लोकेंद्र बहुगुणा ने बताया कि आरोपितों का अगला लक्ष्य हरिद्वार में चोरी का था। चोरी किए गए गहनों को वह गलाकर सोने में बदलने के बाद बेचने वाले थे।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि चारों आरोपितों के विरुद्ध गैंगस्टर की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने इस गिरोह का पर्दाफाश करने वाली पुलिस टीम को पांच हजार रुपये इनाम देने की घोषणा भी की है।