मौसम विभाग ने चार जिलों में अगले 24 घंटे में भारी बारिश की संभावना जताई.साथ ही आपदा से बचाव के इंतजाम करने को कहा गया.

Saurabh CHAUHAN for NEWS EXPRESS INDIA

इस बीच मौसम विभाग ने एक बार फिर चिंता बढ़ाने वाली खबर दी है। मौसम विभाग ने चार जिलों में अगले 24 घंटे में भारी बारिश की संभावना जताई है। इसे देखते हुए इन जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। जिन जिलों में आज मौसम मुश्किलें बढ़ाएगा, उनके बारे में भी जान लें। इनमें नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर, पिथौरागढ़ जैसे जिले शामिल हैं। भारी बारिश की संभावना को देखते हुए शासन, जिला प्रशासन के साथ ही आपदा प्रबंधन से जुड़े अफसरों को 24 घंटे सतर्क रहने को कहा गया है।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह का कहना है कि नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर, पिथौरागढ़ में 24 घंटे में भारी बारिश की संभावनाओं को देखते हुए नदियों, नालों के किनारे बसे लोगों के साथ ही भूस्खलन संभावित इलाकों के लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। इस दौरान भूस्खलन की घटनाएं बढ़ सकती हैं, ऐसे में वाहन चालकों से सतर्कता बरतने की अपील की गई है। आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों को अलर्ट रहने को कहा गया है। राज्य सरकार व आपदा प्रबंधन विभाग को मौसम संबंधी रिपोर्ट भेजी गई है, साथ ही आपदा से बचाव के इंतजाम करने को कहा गया है।

वहीं, मसूरी में पिछले कुछ समय से रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण ठंडक बढ़ गई है। वहीं क्षेत्र में पर्यटकों की कमी के कारण सन्नाटा पसरने लगा है। शुक्रवार सुबह भी क्षेत्र में झमाझम बारिश हुई। जिससे ठंड बढ़ने के साथ ही हर तरफ कोहरा छा गया। जिससे वाहनों की रफ्तार भी धीमी पढ़ गई। होटल मैनेजर अरविंद सेमवाल ने बताया कि बारिश के कारण शहर में पर्यटकों की संख्या में भारी कमी आई है। मसूरी में पिछले कुछ दिन से रुक-रुक कर बारिश हो रही है। जिससे जगह-जगह मार्ग अवरुद्ध होने के साथ ही शहर में भी जलभराव की समस्या खड़ी हो रही है। जिससे पर्यटक अब मसूरी से दूरी बना रहे हैं।

प्रदेश में 83 ग्रामीण सड़कें, दो मुख्य जिला मार्ग और एक अन्य जिला मार्ग कुल 87 सड़कों को छोड़कर अन्य को खोल दिया गया है। बीते दिनों बारिश थमने के कारण बंद सड़क मार्गों को खोलने का काम तेजी से हुआ। लोक निर्माण विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार को कुल 34 मार्ग अवरुद्ध हुए। 53 मार्ग एक दिन पहले से अवरुद्ध थे। इनमें 40 मार्ग खोले गए, जबकि शेष 47 पर आवागमन अभी भी ठप है। इनमें दो मुख्य जिला मार्ग, एक अन्य जिला मार्ग और 43 ग्रामीण सड़कें शामिल हैं।

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