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इस दुनिया को अलविदा कह चुकी बीजेपी नेता सोनाली फोगाट के पास अकूत संपत्ति और बेतहाशा पैसा था. उसके पास घर, गाड़ियां और फार्म हाउस सबकुछ था और यही सब शायद सोनाली का दुश्मन बन गया. करोडों की संपत्ति को हजारों में लीज करवाने के खुलासे के बाद साफ हो गया कि दूसरी जायदाद पर आरोपियों की नजर थी. आजतक ने जब उनसे जुड़े वकील से बात की तो जायदाद को लेकर जंग और धोखे की पूरी कहानी सामने आ गई.
गोवा से गुरुग्राम तक जांच
गोवा पुलिस सुधीर सांगवान और उसके साथी सुखविंदर को सोनाली फोगाट के कत्ल के मामले में गिरफ्तार करके रिमांड पर ले चुकी है. गोवा पुलिस हिसार से लेकर गुरुग्राम तक सोनाली के तमाम ठिकानों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. ताकि उसकी मौत का सच कहीं भी हो, उसे तलाशा जा सके.
सोनाली की संपत्ति पर थी सुधीर की नजर
उधर, सोनाली के वकील ने भी दावा किया है कि हिसार तहसील दफ्तर से सोनाली के नाम पर दर्ज प्रॉपर्टी का रिकॉर्ड चेक करने पर पता चला कि सुधीर की नजर सोनाली की ज़मीन पर थी. सवाल उठता है कि आखिर सोनाली के पास कितनी ज़मीन थी? और कहां-कहां उसकी प्रॉपर्टी थी? जिस पर घरवालों के मुताबिक सुधीर की नज़र थी और उसी की वजह से उसका दोस्त भी सोनाली का मुरीद हो रहा था.
चुनावी हलफनामे में दर्ज है ये संपत्ति
छानबीन में पता चला है कि सोनाली फोगाट के पास अच्छी खासी जायदाद थी. 2019 में विधान सभा का चुनाव लड़ते वक़्त सोनाली ने जो हलफनामा दाखिल किया था उसके मुताबिक-
– हिसार सिरसा हाईवे पर सवा 6 एकड़ की ज़मीन
– हिसार से संत नगर में कोठी
– नोएडा और गुरुग्राम में एक-एक फ्लैट
– 50 तोले सोने के जेवर उनके पास थे.
हालांकि सोनाली फोगाट के नाम कोई गाड़ी नहीं थी.
सोनाली के नाम करोड़ों की जमीन
2016 में सोनाली के पति संजय फोगाट की मौत हो जाने के बाद जमीन सोनाली के नाम हो गई थी. जिसमें से 3 एकड़ जमीन में सोनाली का ढंढूर फार्म हाउस है और बाकी सवा तीन एकड़ में वेयर हाउस बना हुआ है. इस जमीन का मार्केट रेट इस समय दो करोड़ रुपये प्रति एकड़ से ज्यादा है. यानी सिर्फ इस जमीन की कीमत ही साढ़े 12 करोड़ रुपये से अधिक है. उस पर फार्म हाउस और वेयर हाउस बना होने की वजह से इसके दाम इससे कई गुना अधिक हैं.
ज़मीन के विवाद पर पुलिस का फोकस
सोनाली के घरवालों का आरोप है कि सुधीर सांगवान जानता था कि जमीन का पट्टा टूट गया है. ऐसे में उसने सोनाली की ये जमीन 99 साल के लिए खुद लीज पर लेने के लिए हिसार तहसील दफ्तर में एप्लिकेशन दायर की थी. इस मामले से जुड़े ये कुछ ऐसे पहलू हैं, जिन्हें नज़रअंदाज तो नहीं किया जा सकता लेकिन मौत की असली कहानी प्रॉपर्टी के विवाद में कहीं छुपती नजर आ रही है क्योंकि कि पुलिस का सारा ध्यान अब जायदाद हथियाने के मामले पर हो गया है.