उत्तराखंड में रविवार को उफनाई नदियों में बहकर कई लोग लापता हो गए जबकि अनेक स्थानों पर हुई भारी बारिश के कारण भूस्खलन होने से कई रास्ते अवरूद्ध.

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उत्तराखंड के नैनीताल जिले में रविवार को उफनाई नदियों में बहकर चार लोग लापता हो गए जबकि अनेक स्थानों पर हुई भारी बारिश के कारण भूस्खलन होने से कई रास्ते अवरूद्ध हो गए हैं।

नैनीताल के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शैलेष कुमार ने बताया कि जिले के गरमपानी क्षेत्र के भुजान में कोसी नदी में दो युवक बह गए। इसके अलावा, रानी बाग के पास गौला नदी में भी दो व्यक्तियों के बहने की सूचना प्राप्त हुई है।

उन्होंने बताया कि बारिश से उफनाई नदियों में राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) की टीमों द्वारा तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।

इस बीच, बचाव दलों ने देहरादून, टिहरी और पौडी के बाढ-ग्रस्त क्षेत्रों में अपना तलाश और राहत अभियान जारी रखा, जिसमें और एक शव बरामद हुआ है।

पुलिस ने यहां बताया कि देहरादून के मालदेवता क्षेत्र में बरामद हुए इस शव के साथ ही शनिवार को अतिवृष्टि और बादल फटने के कारण हुई तबाही में मृतकों की संख्या पांच हो गयी। इन क्षेत्रों में लापता 11 अन्य लोगों की तलाश की जा रही है।

टिहरी जिले की धनोल्टी-ग्वाड गांव में शनिवार देर रात सात लोगों के मलबे में दबने की सूचना थी, जिसमें से ग्रामीणों ने दो लोगों के शव निकाले थे, जबकि आकी पांच की तलाश की जा रही है।

शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बचाव दलों ने तड़के से मालदेवता और आसपास के क्षेत्रों में बचाव अभियान तेज कर दिया था और जंगल गदेरा रिसॉर्ट में फंसे 24 पर्यटकों को सकुशल बचा लिया।

देहरादून के मालदेवता और रायपुर क्षेत्र में अतिवृष्टि और बादल फटने की घटना में लापता हुए छह व्यक्तियों की तलाश जारी है।

इस बीच, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने मालदेवता तथा आसपास के आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया और स्थिति का जायजा लिया।

इस दौरान उन्होंने पुलिस और राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) को तलाश एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने पुलिस से ग्रामीणों के लिए जल्द से जल्द वैकल्पिक संपर्क मार्ग तैयार करने को भी कहा।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश भर में भूस्खलन या सड़क का हिस्सा बहने के कारण 113 मार्ग अवरूद्ध हैं, जिसमें 10 राज्य मार्ग, छह जिला मार्ग तथा ग्रामीण मार्ग शामिल हैं।

इस बीच, एसडीआरएफ सूत्रों ने बताया कि उसके जवानों ने 10 किलोमीटर पैदल चलकर आपदा में संपर्क से टूट गए टिहरी जिले के चिपल्डी गांव में राशन वितरण किया।

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