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उत्तराखंड में अब सफर करना महंगा हो गया. ऐसे मेंमहंगाई और प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे उत्तराखंड के लोगों को एक और झटका लगा है.. उत्तराखंड में यात्री वाहनों और माल भाड़ा वाहनों का किराया 15 से 25 फीसद तक बढ़ गया है. यहीं नहीं चारधाम यात्रा भी महंगी हो गई है. टैक्सी किराए में 22 फीसदी तो चारधाम यात्रा के लिए संचालित बसों का किराया 27 फीसदी बढ़ा दिया गया है. इसके अलावा तिपहिया वाहनों के किराए में 15 से 18 फीसद तक की बढ़ोतरी की गई है. यात्री और माल भाड़ा वाहनों का किराया दो साल के बाद बढ़ा है. इससे पहले 18 फरवरी 2020 को किराया बढ़ाया गया था.
इसके अलावा ई-रिक्शा, किराए पर चलने वाले दुपहिया वाहनों और एंबुलेंस के लिए भी किराए की नई दरें निर्धारित की गई हैं. बता दें कि किराया बढ़ाने के मामले को लेकर राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) की दो दिन पहले बैठक हुई थी. इसके बादल शुक्रवार को परिवहन मुख्यालय की तरफ से रोडवेज बस, प्राइवेट बस, ऑटो और माल भाड़ा वाहनों के किराए की नई दरें जारी कर दी गई.
जानें कितना बढ़ेगा किराया
मिली जानकारी के अनुसार, रोडवेज और निजी बसों के लिए मैदानी मार्गों पर किराया 105 पैसे से बढ़ाकर 128 पैसे और पर्वतीय मार्गों पर 150 पैसे से बढ़ाकर 183 पैसे प्रति किमी कर दिया गया है. चारधाम यात्रा पर चलने वाली बसों का किराया 55 रुपये से बढ़ाकर 70 रुपये कर दिया गया है. सिटी बसों का किरासा अब सात रुपये से बढ़कर 9 रुपये प्रति दो किमी हो जाएगा. दो किलोमीटर तक ऑटो से जाने पर अब 50 रुपये की जगह 60 रुपये देना होगा. मैदानी मार्गों पर टैक्सी का किराया 14 रुपये से बढ़ाकर 16 रुपये प्रति किमी कर दिया गया है. वहीं, पर्वतीय मार्गों पर 16 से बढ़ाकर 18 रुपये प्रति किमी कर दिया गया है. ई-रिक्शा में बैठने वाली सवारी को अब 12 रुपये प्रति एक किमी की दर से किराया देना पड़ेगा. ई-रिक्शा में चार सवारी बैठाने की अनुमति है.