उत्तराखंड में मानसून अब 72 घंटे में कभी भी आ सकता है। भारी बारिश को देखते हुए मौसम विज्ञान केंद्र ने यलो अलर्ट जारी किया.

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प्रदेशभर में प्री-मानसून की बारिश जारी है।कई जगह आपदा जैसे हालात भी नजर आने लगे हैं। प्री-मानसून की सक्रियता से उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले के लिए अगले 24 घंटे मुश्किलभरे रहने वाले हैं। यहां भारी बारिश होने की संभावना है। मानसून के प्रदेश में पहुंचने का वक्त भी करीब आ गया है। उत्तराखंड में मानसून अब 72 घंटे में कभी भी आ सकता है।

भारी बारिश को देखते हुए मौसम विज्ञान केंद्र ने यलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के पूरे राज्य में सक्रिय होने में अभी 72 घंटे का वक्त बाकी है, लेकिन प्री मानसून की सक्रियता से पहाड़ से लेकर मैदान तक जबरदस्त बारिश देखने को मिल सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में कहीं-कहीं भारी से भारी बारिश की संभावना है।

इन जिलों में आपदा प्रबंधन के लिहाज से भी सतर्क रहने की जरूरत है। अगले 24 घंटे मुश्किल भरे रह सकते हैं। देहरादून, नैनीताल, चंपावत और पौड़ी जिलों में भी बारिश के चलते मुश्किलें बढ़ेंगी। दक्षिण-पश्चिम मानसून फिलहाल उत्तराखंड की ओर बढ़ रहा है और इसके तीन दिनों के भीतर राज्य में पूरी तरह सक्रिय होने की संभावना है।

मानसून के पूरी तरह सक्रिय होने के बाद मैदान से लेकर पहाड़ पर एक बार फिर भारी बारिश देखने को मिलेगी। उधर मानसून की पहली बारिश शुरू होते ही तमाम ग्रामीण इलाकों में आपदा जैसे हालात दिखने लगे हैं। पौड़ी के चाकीसैंण में मूसलाधार बारिश से पश्चिमी नयार नदी उफान पर आ गई, जिससे तीन गांवों की आवाजाही का आधार सुनारगांव पैदल पुल टूट गया है।

पुल से क्षेत्र के सुनारगांव, कृषाल व कठूड़ के ग्रामीण आवाजाही करते थे। पुल टूटने की वजह से तीनों गांवों के 300 से अधिक परिवार प्रभावित हुए हैं।

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