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त्रिफला को नियमित खाकर लंबे समय तक जवान रह सकते हैं। सही मात्रा में लेने से मोटापा तो छू भी नहीं पाएगा।
जब घर में बना रहे हो त्रिफला चूर्ण
आमतौर पर त्रिफला के पाउडर को हरड़, बहेड़ा और आंवला को समान भाग में मिला कर तैयार किया जाता है। इसे जब घर में तैयार किया जा रहा हो, तो अपने शरीर की प्रॉब्लम को देखते हुए तैयार करें, जैसे जब शरीर के अंदर गैस बन रहा हो या पित दोष बढ़ गया हो, तो ऐसी स्थिति में त्रिफला के अंदर बाकी चीजों की तुलना में हरड़ की मात्रा अधिक रखें। सिर, छाती, नाक और गले में कफ अधिक भर गया हो, तो त्रिफला बनाते समय इसमें बहेड़ा की मात्रा ज्यादा लें। शरीर में पित्त या एसिड की मात्रा बढ़ जाए, तो त्रिफला चूर्ण बनाते समय आंवला की मात्रा को बढ़ा दें।
चम्मचभर त्रिफला रखेगा बढ़ते वजन पर काबू
एक चम्मच त्रिफला का चूर्ण नियमित लिया जाए, चेहरे पर झुर्रियां नहीं आती। शरीर को अंदर से मजबूती मिलती है। अगर किसी को खाने में अरुचि महसूस होती होती हो, खाना अच्छी तरह डायजेस्ट नहीं हो रहा हो या गैस की प्रॉब्लम रहती हो, तो रोजाना रात को सोने के पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें।
यह पाउडर कब्ज को दूर करने का काम करता है। बढ़े हुए वजन को कम करता है। रिसर्च बताते हैं कि जिन लोगों ने नियमित रूप से छोटी मात्रा में त्रिफला चूर्ण लिया, उनके वजन में लगातार कमी आई। यह चूर्ण ब्लड शूगर के लेवल को कंट्रोल में रखती है।
घाव जल्दी भर जाते हैं त्रिफला के क्वाथ से
शरीर में किसी तरह का जख्म हो गया है, तो एक चम्मच त्रिफला पाउडर को एक गिलास पानी में डालकर गरम करें। जब पानी एक-चौथाई मात्रा में बच जाए, तो इस तरह से तैयार क्वाथ यानी काढ़ा से घाव को साफ करना चाहिए। ऐसा करने से घाव में पस नहीं पड़ता और यह जल्दी भर जाता है।
यदि कोई घाव जल्दी नहीं भर रहा हो, तो त्रिफला में गाय का घी मिक्स करके उसे घाव पर लगाएं। इस मिश्रण को बैंडेज से बांध दें। घर में बनाने के बजाय बाजार में मिलने वाले रेडीमेड त्रिफला घी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
आंख, मुंह और गले की तकलीफ होगी दूर
मुंह के अंदर अल्सर होने पर, गले से खाना निगलने में कठिनाई महसूस होने पर या फिर टॉन्सिल के बड़े होने पर त्रिफला के पानी का इस्तेमाल अच्छा साबित होता है। एक चम्मच त्रिफला पाउडर को एक गिलास पानी में भिगो दें। दूसरे दिन इस पानी को आधा हो जाने तक उबालें। इसे ठंडा करके छान लें। इस पानी को मुंह के अंदर थोड़े समय तक भरकर रखें या मुंह के अंदर रखकर गरारे करें। इससे मुंह के अल्सर और टॉन्सिल में फायदा होगा।
महिलाओं में जब वाइट डिस्चार्ज यानी ल्यूकोरिया की समस्या बढ़ जाती है, तो ऐसी स्थिति में छाछ में जीरे का पाउडर और त्रिफला चूर्ण मिलाकर रोज पीने का अच्छा असर होगा। वाइट डिस्चार्ज कम हो जाएगा। इंफेक्शन और इचिंग की समस्या भी कम हो जाएगी।
यदि बाल में डैंडफ्र हो गए हैं या पतले होकर झड़ रहे हो या बाल समय से पहले सफेद हो गए हो या किसी के बाल एलोपेशिया की वजह से बाल झड़ रहे हो, तो त्रिफला के क्वाथ को शिकाकाई के साथ मिक्स करके बाल धोएं। इससे बालों की समस्याएं दूर होगी।
किस बात का ध्यान रखें
- पहली बार त्रिफला लेने वालों को डायरिया या लूज मोशन हो सकता है लेकिन इससे डरे नहीं। इससे बॉडी की गंदगी निकलती है।
किसे नहीं लेना चाहिए
- यदि कोई व्यक्ति ब्लड थिनिंग मेडिसिन जैसे वारफेरिन ले रहा हो, तो डॉक्टर की सलाह लेकर ही इसको लें।
- टीबी या किसी दूसरी बीमारी के कारण शरीर में कमजोरी बढ़ जाती है या गर्भावस्था के अंदर त्रिफला लेने से बचना चाहिए।
- यह सभी जानकारी सामाजिक ज्ञान पर आधारित है डॉक्टर से सलाह अवश्य लें.