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देहरादून: पिता की मौत के बाद मां ने अपनी दो बेटियों को बेच दिया। आरोपित 12 व 10 साल की बेटियों से घर का काम करवाते थे और काम न करने पर उन पर अत्याचार किया जाता था।
गुरुवार को जब इसकी जानकारी कुछ संस्थाओं को मिली तो वह श्रम प्रवर्तन अधिकारी व पुलिस के साथ पहुंचे और कई घंटे तक चले ड्रामे के बाद दोनों बालिकाओं को रेस्क्यू किया गया।
जिला टास्क फोर्स को सूचना मिली कि 12 साल की एक बालिका को चार साल पहले उसके पिता की मृत्यु के बाद मां ने क्लेमेनटाउन में सैय्यद लईक जैदी को बेच दिया था। बच्ची उनके घर पर कपड़े धोने, बर्तन साफ करने, साफ सफाई, गाय को चारा देना आदि का कार्य करती थी। गलती होने पर उसे बुरी तरह से मारा पीटा जाता था।
टास्क फोर्स में शामिल श्रम प्रवर्तन अधिकारी पिंकी टम्टा, जिला प्रोबेशन कार्यालय से संपूर्णा भट्ट, समर्पण संस्था से मानसी मिश्रा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व मैक संस्था से शमीना, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट से देवेंद्र, आसरा ट्रस्ट से अमर बहादुर, बचपन बचाओ आंदोलन से सुरेश उनियाल, क्लेमेनटाउन थाने से एसआइ रजनी ने दबिश देकर बालिका को मुक्त करवा लिया।
बालिका ने बताया कि उसकी 10 साल की बहन को भी उसकी मां ने टर्नर रोड पर रहने वाले मोहम्मद जुनैद को बेच दिया है। इस पर टीम तुरंत आरोपित के घर पहुंची, मगर जुनैद ने मौका पाकर बालिका को वहां से भगा दिया और गेट बंद कर लिया।
दोनों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिसके बाद उन्हें बालिका निकेतन भेजा गया। पुलिस के अनुसार, दोनों बालिकाओं के पिता का निधन हो गया। जिसके बाद मां ने दूसरी शादी कर ली और दोनों बालिकाओं को बेच दिया।
इनके दो बहनें और एक भाई और भी हैं, वह कहां हैं, इसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस ने बताया कि बालिकाओं की मां इस समय बिजनौर (उत्तर प्रदेश) के अकबराबाद में रहती है। एक टीम मां को लाने के लिए भेजी जा रही है। उधर, क्लेमेनटाउन के थानाध्यक्ष कुलवंत जलाल ने बताया कि आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।