भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत पर कर्नाटक में स्याही से हुए हमले के विरोध में मुजफ्फरनगर के सिसौली में आपात पंचायत बुलाई गई।

VSCHAUHAN ,gaurav gupta for NEWS EXPRESS INDIA

कर्नाटक के बेंगलुरु में सोमवार को भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत और महासचिव युद्घवीर सिंह पर स्याही फेंके जाने के मामले में सिसौली में आपात पंचायत हुई। पंचायत में भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि अगर यह घटना उत्तर प्रदेश में होती तो बड़ी अनहोनी होती। आपात पंचायत में निर्णय लिया गया कि 31 मई को प्रत्येक जिला मुख्यालय पर भाकियू कार्यकर्ता प्रदर्शन कर ज्ञापन देंगे। इसमें किसानों की समस्याओं के साथ ही भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राष्ट्रीय प्रवक्ता की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की जाएगी।

भाकियू कार्यकर्ताओं में आक्रोश दिखाई दिया। सायं पांच बजे सिसौली में आपात पंचायत बुलाने का ऐलान कर दिया गया। करीब छह बजे चौधरी नरेश टिकैत इस आपात पंचायत में पहुंचे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार यूपी को नक्सलवाद की ओर धकेल रही है। प्रदेश सरकार रास्ते से भटक गई है। हम मुख्यमंत्री का सम्मान करते हैं, वह प्रदेश के मुखिया हैं लेकिन उन्हें गलत सलाह देने वालों से सावधान रहने की जरूरत है।

बोले, हमें देश-प्रदेश की फिक्र
नरेश टिकैत ने कहा कि हमें देश और प्रदेश की फिक्र है। हो सकता है कि अभी तो काली स्याही गिरी है, आगे गोली भी लग सकती है लेकिन हमें कोई परेशानी नहीं है। चौधरी नरेश टिकैत ने फौज में भर्ती नहीं होने पर भी असंतोष जताया। चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि पिछले वर्ष जब किसान आंदोलन में राकेश टिकैत की आंख में आंसू आए थे तो उस दिन इतनी बड़ी घटना हो जाती, लेकिन हमने हामी नहीं भरी। हमें अपने प्रदेश और देश की फिक्र है।

हम भी भाजपाई हैं केंद्र सरकार को वोट दे रखी है
चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि भाजपाई तो हम भी हैं, हमने केंद्र सरकार को वोट दे रखी है। दो वर्ष इस सरकार के रह रहे हैं। केंद्र सरकार को हमने बनवाया लेकिन हमे नही पता था कि सरकार में इतनी बदले की भावना है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा 
मुजफ्फरनगर। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत पर हुए हमले के विरोध में भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर भाकियू प्रवक्ता पर हुए हमले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की। उन्होंने इसके लिए कर्नाटक सरकार को भी दोषी ठहराया। साथ ही राकेश टिकैत की सुरक्षा को और अधिक मजबूत करने की मांग पत्र में उठाई।

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