सिद्धू मूसेवाला पर हमला, क्यों हुई हत्या? 8 से 10 हमलावर शामिल थे. चश्मदीद से लेकर पुलिस तक ने बताई पूरी कहानी

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पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या पर बड़ा खुलासा हुआ है. जानकारी के मुताबिक, सिद्धू मूसेवाला के कत्ल में AN 94 Russian Assault Rifle का इस्तेमाल हुआ था. पंजाब के गैंगवार में AN-94 का इस्तेमाल पहली बार देखने को मिला है. वहीं इस हमले में 8 से 10 हमलावर शामिल थे ऐसी जानकारी भी सामने आई है.

दूसरी तरफ हत्याकांड के वक्त का एक चश्मदीद अब सामने आया है. यह शख्स हमले के दौरान मौके पर मौजूद था और उसी ने मूसेवाला को गाड़ी से बाहर निकाला था. मेसी नाम के इस शख्स का दावा है कि तब तक मूसेवाला जिंदा थे.

आजतक से बातचीत में मेसी ने कहा कि जब हमiलावरों ने सिद्धू मूसेवाला को गोली मारी तो सबसे पहले वह ही मौके पर पहुंचे थे. मेसी ने बताया कि मूसेवाला के साथ दो और लोग गाड़ी (महिंद्रा थार) में बैठे थे.

मेसी ने कहा, ‘मैंने देखा कि सिद्धू को गोलियां लगी हुई हैं. लेकिन उनकी सांस चल रही थी. मैंने सिद्धू को बाहर निकाला और दूसरी गाड़ी में बैठाया फिर हॉस्पिटल भेजा.’

सिद्धू मूसेवाला पर AN-94 से हमला

ताजा जानकारी के मुताबिक, सिद्धू मूसेवाला पर AN-94 से हमला हुआ था. घटनास्थल से AN-94 राइफल की तीन गोलियां मिली हैं. यह भी पता चला है कि इस हमले में आठ से दस हमलावर शामिल थे जिन्होंने सिद्धू मूसेवाला पर ताबड़तोड़ करीब 30 से ज्यादा राउंड फायर किये थे.

चश्मदीद मेसी ने बताया कि गाड़ी में जो दो और लोग बैठे थे उनको भी गोली लगी थी. चश्मदीद के मुताबिक, सिद्धू की कार पर 35 से 40 राउंड फायरिंग हुई थी. वहां दीवारों पर भी गोलियों के निशान देखे जा सकते हैं.

घर से कुछ दूर हुई सिद्धू मूसेवाला की हत्या, पुलिस ने बताया आपसी रंजिश

बता दें कि सिद्धू मूसेवाला की कल 29 मई को मानसा जिले में उनके घर से कुछ किलोमीटर दूर ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

पंजाब के DGP वी. के. भावरा ने बताया था कि सिद्धू मूसेवाला जब अपने घर से निकले तब रास्ते में 2-2 गाड़ी आगे और पीछे से आईं और इनकी गाड़ी पर फायरिंग की और जब इनको अस्पताल ले जाया गया वहां उनको मृत घोषित किया गया. भावरा ने कहा था कि फिलहाल यह आपसी रंजिश का मामला लग रहा है.

पंजाब के DGP ने आगे बताया था कि इस घटना की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्य लक्की ने ली है जो अभी कनाडा में है. वहीं सूत्रों के मुताबिक, बिश्नोई गैंग के विरोधी कैंप को सिद्धू मूसेवाला सपोर्ट कर रहा थे. वजह से सिद्धू मूसेवाला लॉरेंस बिश्नोई गैंग के निशाने पर थे.

DGP ने बताया कि घटनास्थल से बरामद कारतूस से अंदाजा लगा है कि हत्याकांड में 3 अलग-अलग हथियारों का इस्तेमाल हुआ था.

सिद्धू मूसेवाला की सिक्योरिटी हटने के सवाल पर DGP ने कहा कि मूसेवाला के पास पंजाब पुलिस के 4 कमांडो थे जिनमें से 2 कमांडो राज्य में चलने वाले घल्लूघारा की वजह से वापस ले लिए थे. यह जब घर से निकले तब यह अपने साथ इनको नहीं ले गए थे.

इससे पहले पुलिस अधिकारी पी. के. यादव ने बताया था कि हमलावर अपनी गाड़ी छोड़कर भाग गए थे. अब पता चला है कि उसकी नंबर प्लेट नकली थी. वहीं पुलिस को भी कुछ सुराग मिले हैं, जिनके अधार पर खोजबीन जारी है. पुलिस ने मूसेवाला हत्याकांड की जांच के लिए SIT (स्पेशल टीम) गठित की है.

 

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