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भारत सरकार देश के सभी राज्यों में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के लिए एक राशन कार्ड जारी करती है| जिसमे परिवार के सभी सदस्यों का नाम लिखा होता है, जो आधार कार्ड से लिंक होते है | इस कार्ड के माध्यम से राज्य सरकार प्रत्येक माह कार्ड धारको को गेहू और चावल जैसी खाद्य सामग्री उपलब्ध कराती है| ताकि गरीबी रेखा से भी नीचे का जीवन यापन करने वाले परिवारों को गुजर बसर करने में दिक्कत न हो |
सरकार की ओर से अपात्र राशन कार्डधारकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की घोषणा के बाद अपात्र लोग बड़ी संख्या में कार्ड जमा कराने जिलापूर्ति कार्यालय पहुंच रहे हैं। अब तक करीब तीन हजार लोग अपने कार्ड सरेंडर कर चुके हैं। कार्ड सरेंडर करने के लिए डीएसओ कार्यालय में भीड़ जुट रही है। लेकिन राशन कार्ड सिरेडर करने वाले व्यक्तियों की परेशानी यह है कि किस केटेगरी में है ?उनको राशन कार्ड सरेंडर करना है या नहीं करना है? और उसकी शर्तें क्या है?
दरअसल, सरकार की ओर से अपात्र राशन कार्डधारकों को 31 मई तक अपने कार्ड सरेंडर करने को कहा गया है। चेतावनी दी गई है कि इसके बाद जांच में अपात्र पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। सरकार की इस घोषणा के बाद बड़ी संख्या में अपात्र लोग जिलापूर्ति कार्यालय पहुंचकर कार्ड जमा करा रहे हैं। जिलापूर्ति अधिकारी जसवंत सिंह कंडारी ने बताया कि अब तक तीन हजार लोग कार्ड जमा करा चुके हैं।
पात्र, अपात्र को लेकर असमंजस
पात्र और अपात्र को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति है। दरअसल, वर्तमान में तीन प्रकार के कार्ड बनाए जा रहे हैं। इनमें अंत्योदय (गुलाबी राशन कार्ड), राष्ट्रीय खाद्य योजना का( सफेद कार्ड )और इससे ऊपरी वर्ग के लोगों को (पीला कार्ड )शामिल है।
तीनों कार्ड बनाने की अलग-अलग शर्तें
यहाँ पर आपको उन नियमो के बारे में बताने जा रहे है, जिसके अंतर्गत एक व्यक्ति राशन कार्ड रखने के पात्र होता है, पात्रता की शर्ते इस प्रकार है:-
- एक ऐसा परिवार जिसका संचालन मुखिया के तौर पर एक अकेली महिला या विधवा महिला कर रही हो, जिसमे उसके परिवार की कुल मासिक आय 15 हज़ार रूपए या उससे कम हो |
- ऐसा व्यक्ति जो असाध्य रोगो से पीड़ित हो या 60 वर्ष से अधिक आयु वाला बुजुर्ग व्यक्ति जो अपने परिवार का संचालन कर रहा हो, जिसके परिवार की सम्पूर्ण मासिक आय 15 हज़ार रूपए या उससे कम हो |
- सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले निवासरत आदिवासी परिवार या आदिम आदिवासी परिवार |
- ऐसा परिवार जिसके पास सिंचित भूमि का क्षेत्रफल 2 हेक्टेयर से कम या 1 हेक्टेयर सिंचित या 2 हेक्टेयर असिंचित भूमि है, अथवा सम्पूर्ण भूमि 4 हेक्टेयर असिंचित भूमि से कम हो |
- ऐसा परिवार जो शहरी क्षेत्र में उत्तराखंड राज्य के स्थापित होने से पूर्व झुग्गी-झोपड़ी में रह रहा हो |
- बाल महिला सुधार गृह, अनाथ आश्रम, विधवा आश्रम, कुष्ठ आश्रम, मानसिक रोग, भिक्षुक गृह, आश्रम, वृद्धा आश्रम और विकलांग आश्रम में निवासरत व्यक्ति|
राशन कार्ड के लिए अपात्रता
- जो राशन कार्ड धारक अपना राशन कार्ड सरेंडर करना चाहते है, पहले उन्हें यह जरूर जान लेना चाहिए कि सरकार ने किन राशन कार्ड धारको को अमान्य एवं अयोग्य घोषित किया है | अपात्रता के नियम इस प्रकार है:-
- वह व्यक्ति जिसके पास शहर या ग्रामीण क्षेत्र में 100 वर्ग मीटर का पक्का मकान बना हुआ है, उन्हें अपना कार्ड सरेंडर करना होगा | 100 वर्ग मीटर = 1076.39 स्क्वायर फीट |
- ऐसे व्यक्ति जिनके पास चार पहिया वाहन या ट्रेक्टर है, वह भी कार्ड रखने के लिए आमान्य है |
- इनकम टैक्स की श्रेणी में आने वाला व्यक्ति एवं उसका परिवार राशन कार्ड के लिए आमान्य है |
- कोई भी सरकारी कर्मचारी राशन कार्ड योजना के लिए आपात्र है |
- जिन लोगो के घरो में AC (Air Conditioner) लगा हुआ है, या उनके पास 5 KG वाट अथवा उससे अधिक क्षमता वाला जनरेटर हो उन्हें भी राशन कार्ड योजना का लाभ नहीं मिलेगा |
- शहरी व् ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले वह व्यक्ति जिनकी सालाना आय 3 लाख या उससे अधिक हो | वह भी राशन कार्ड धारक की सूची में नहीं आते है |
- जो लोग नए राशन कार्ड के लिए आवेदन कर रहे है, सबसे पहले उनकी वरीयता की जांच की जाएगी | इसमें कुली, भिक्षावृत्ति वाले, दैनिक मजदूरी करने वाले व्यक्ति और असाध्य रोगों से ग्रसित लोगो को चुना जाएगा | इसके बाद ग्रामीण व् शहरीय क्षेत्र में आयकर विभाग के अंतर्गत न आने वाले और जिनके पास चार पहिया वाहन नहीं है | ऐसे लोगो के लिए राशन कार्ड जारी किया जाएगा|