Herdyes goswami for NEWS EXPRESS INDIA
उदास फिरता है मोहल्ले में बारिश का पानी, कश्तियां बनाने वाले बच्चे मोबाइल से इश्क कर बैठे’। मोबाइल की लत ने बच्चों से उनका बचपन छीन लिया है। सपनों की दुनिया के लिए लगा देते हैं पूरा दम. मोबाइल की लत के चक्कर में अपने मां-बाप को दे देते हैं गम. और फिजिकल एक्टिविटी में हो जाते हैं बेदम.
हल्द्वानी में ही देख लें यहां मोबाइल से चिपके रहने वाले दो किशोर घर से भाग गए। एक को हीरो बनना था तो दूसरा यूट्यूबर बनने चला था। खैर दोनों को पुलिस ने बरामद कर लिया है। पहला मामला तीनपानी क्षेत्र का है। यहां 16 साल का संदीप मेहतोलिया एचएन इंटर कॉलेज में 11वीं में पढ़ रहा था। 16 मार्च को संदीप घर से भाग गया। इंस्ट्राग्राम आईडी के जरिए पुलिस को पता चला कि संदीप नागपुर में है। वहां वो चिकन शॉप में काम कर रहा था। पूछताछ में संदीप ने बताया कि वो हीरो बनने के लिए मुंबई गया था, लेकिन काम न मिलने पर नागपुर चला गया। प्रेमपुर में रहने वाले सूजल कुमार के सपने भी कुछ ऐसे ही थे।
24 अप्रैल को लापता हुए सूजल को पुलिस ने नोएडा से बरामद किया। सूजल ने बताया कि वो यूट्यूबर बनने के लिए नोएडा गया था। हल्द्वानी से वो बस से दिल्ली पहुंचा, यहां से पैदल ही नोएडा के लिए निकल गया। गनीमत ये रही कि इन दोनों बच्चों के साथ कोई अनहोनी नहीं हुई। पुलिस ने दोनों को परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। सोशल मीडिया के दौर में आपको भी बच्चों की निगरानी करने की जरूरत है।
उन्हें मोबाइल गेम्स की लत न लगने दें। बच्चों को ज्यादा समय तक मोबाइल पर न रहने दें। बच्चों को कहीं साथ ले जा रहे हैं तो उन पर नजर रखें। अगर बच्चे के व्यवहार में बदलाव दिखता है तो मनोचिकित्सक से सलाह लें। एसएसपी पंकज भट्ट ने कहा कि मोबाइल ने बच्चों को बांधकर रख दिया है। यूट्यूब व अन्य चैनल देखकर वह घर से भाग रहे हैं। ऐसे में पैरेंट्स को बच्चों के प्रति सजग रहने की जरूरत है।