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नशे की लत का शिकार होने वाला व्यक्ति खुद की दुनिया में सिमटकर रह जाता है। वह जो कुछ सोचता है, उसी को सही मान बैठता है। अगर उसे कोई रोकता टोकता है तो वह उसे दुश्मन समझने लगता है। उसके गलत बात में साथ देने वाला भी उसका हमदर्द बन जाता है। उसे रिश्ते नातों का कोई लिहाज नहीं होता। अचानक आवेश में आना, गलत और सही का आकलन कर पाना भी उसके लिए मुश्किल हो जाता है। इसलिए नशे से बचाव ही एक मात्र विकल्प है।
ऐसा ही एक मामला नशे के कारण अपनों ने ही अपनों को मार डाला. और हंसता खेलता परिवार बिखर गया. बूढ़े दंपत्ति का जीवन का सहारा छूट गया.
हरियाणा के भिवानी में नशे की हालत में आपा खोकर अपनों को मार रिश्तों का खून बहा दिया। शराब के नशे ने पलभर में हंसते खेलते परिवार को उजाड़ा तो बुढ़ापे में एक दंपती को उम्र भर का दर्द मिल गया। शराब की वजह से एक परिवार ऐसा उजड़ा कि उसकी दास्तां सुनकर हर कोई सिहर उठा। तोशाम क्षेत्र के गांव गारनपुरा में 72 वर्षीय बुजुर्ग महासिंह ने लकवा ग्रस्त होने की वजह से कई साल पहले बिस्तर पकड़ लिया था। उसके तीन बेटे ही उसकी जिम्मेदारियों को उठा रहे थे, लेकिन शराब ने उनकी हंसती खेलती गृहस्थी को ऐसा डसा कि पलभर में ही बेबस और लाचार आंखों के सामने सब टूटकर बिखर गया।
बूढ़ी आंखों ने जवान बेटे और पुत्रवधू को हमेशा के लिए खो दिया वहीं दो बेटों को अपनों का खून बहाने के जुर्म में अब जेल जाना पड़ेगा। महासिंह और उनकी 65 वर्षीय पत्नी मरमण उम्र के आखिरी पड़ाव में अपने ही हाल पर आ गए। अब ये दोनों अपनी फूटी किस्मत को कोसे या नशे की लत में फंसे दोनों बेटों की दरिंदगी पर आंसू बहाएं, जिन्होंने अपनों का खून बहाते समय जरा भी नहीं सोचा।
गांव गारनपुरा में दो सगे भाइयों सुरेश और रोहताश ने अपने ही बड़े भाई राजेंद्र और राजेंद्र की पत्नी काजल के हाथ बांधकर बुधवार देर रात को चटनी कूटने वाले सोटे से सिर व चेहरे पर वार कर निर्मम हत्या कर दी थी। नशे में सुरेश और रोहताश इतने निर्दयी हो गए कि भाई और भाभी को आंखों के सामने तड़पता देखकर भी तरस नहीं आया और उन्हें कमरे में बंद कर दिया।
पड़ोसियों को जब तक इस वारदात की भनक लगी, तब तक काफी देर हो चुकी थी। खून से लथपथ काजल को कमरे से बाहर निकाला, तब तक वह दम तोड़ चुकी थी। वहीं, घायल राजेंद्र ने अस्पताल पहुंचते ही प्राण त्याग दिए। वारदात की चश्मदीद राजेंद्र की मां मरमण ने तोशाम पुलिस थाने में दोनों बेटों सुरेश व रोहताश द्वारा बेटे राजेंद्र व पुत्रवधू काजल की हत्या की शिकायत दी। पुलिस ने दोनों आरोपी बेटों के खिलाफ मां की शिकायत पर हत्या का केस दर्ज किया।
साढ़े आठ एकड़ जमीन व मकान का हो चुका था बंटवारा
महासिंह लकवाग्रस्त होकर बिस्तर पकड़ चुके हैं। उनकी गांव में करीब साढ़े आठ एकड़ कृषि योग्य भूमि है, जिसका उसने कुछ अर्से पहले ही तीनों बेटों में बंटवारा कर दिया था। घर के अंदर कलह बढ़ी तो राजेंद्र अपनी पत्नी काजल के साथ उसी घर में बने एक हिस्से में अलग हो गया। महासिंह अपनी पत्नी मरमण और दोनों बेटे सुरेश व रोहताश के साथ अलग रहने लगे। एक ही घर की छत के नीचे रहने के बावजूद अलग-अलग रहने वाले छह सदस्यों के इस कुनबे में ऐसा खूनी खेल हो जाएगा, किसी को इसका आभास तक नहीं था।
राजेंद्र के घर नहीं थी कोई औलाद
43 वर्षीय राजेंद्र की बिहार निवासी 40 वर्षीय काजल के साथ करीब 12 साल पहले शादी हुई थी। शादीशुदा जिंदगी में उनकी अब तक कोई औलाद नहीं थी। अलग होने के बावजूद राजेंद्र अपने पिता के लिए दवा का इंतजाम कर देता था, जबकि काजल भी अपनी सास मरमण का काम में हाथ बंटाती थी। महासिंह के तीन बेटे और दो बेटी हैं। इसमें राजेंद्र सबसे बड़ा था।