ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन:मात्र 26 दिन में बनकर तैयार. जानकारी के लिए पढ़ें पूरी खबर .

Saurabh CHAUHAN for NEWS EXPRESS INDIA

ऋषिकेश: केंद्र की मदद से उत्तराखंड के चारधाम रेल परियोजना से जुड़ने जा रहे हैं। परियोजना का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल इस परियोजना को पूरा करने के लिए आरवीएनएल खूब मेहनत कर रहा है।

RVNL पैकेज -2 के तहत L&T की टीम ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। टीम ने कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद केवल 26 दिनों में शिवपुरी से ब्यासी के मध्य 1,012 मीटर NATM टनलिंग को पूरा करके नया कीर्तिमान स्थापित किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस शानदार उपलब्धि के लिए टीम के सदस्यों को बधाई दी। इस तरह ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना तेजी से आकार ले रही है।

निर्माण की दृष्टि से हिमालय के इस कठिन और अत्यंत चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में 125 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बनाई जानी है। रेल परियोजना का काम 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। आगे पढ़िए इस परियोजना की खास बातें

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे प्रोजेक्ट का मकसद उत्तराखंड के चार धामों को आपस में जोड़ना है। परियोजना के तहत 16 पुल, 17 सुरंग और 12 रेलवे स्टेशन बनाए जाने प्रस्तावित हैं। जिनमें से 10 स्टेशन पुलों के ऊपर और सुरंग के अंदर होंगे। खुली जमीन पर इन स्टेशनों का प्लेटफार्म वाला हिस्सा ही दिखाई देगा। सिर्फ शिवपुरी और ब्यासी स्टेशन ही ऐसे स्टेशन हैं, जिन का कुछ भाग खुली जमीन पर दिखेगा।

रेल मार्ग का 84.24 फीसदी भाग अंडरग्राउंड रहेगा। सिर्फ रेलमार्ग ही नहीं ज्यादातर रेलवे स्टेशन भी सुरंग के अंदर और पुल के ऊपर बनाए जाएंगे। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन में पहाड़ के नीचे 20 किलोमीटर लंबी टनल बनाने की योजना है। इसके निर्माण के लिए रेल विकास निगम ने एलएनटी कंपनी के साथ 3338 करोड़ रुपये का अनुबंध किया है।

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