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उत्तराखंड में नौकरशाही का बुरा हाल है। अधिकारी न तो विभागीय मंत्रियों की सुनते हैं न ही अपने सीनियर्स की। अब उत्तरकाशी में ही देख लें, यहां चारधाम यात्रा व्यवस्था को लेकर जरूरी बैठक बुलाई गई थी, लेकिन 7 अधिकारी बैठक में पहुंचे ही नहीं।
अधिकारियों के इस ढुलमुल रवैये पर जिलाधिकारी ने कड़ा ऐतराज जताया। साथ ही इन अधिकारियों का मार्च और अप्रैल माह का वेतन रोकने के आदेश भी दिए। चलिए पूरा मामला बताते हैं। कलेक्ट्रेट स्थित जिला सभागार में डीएम मयूर दीक्षित ने बैठक बुलाई थी। जिसमें चारधाम यात्रा व्यवस्था के लिए जनपद में नियुक्त नोडल अधिकारियों और सिटी मजिस्ट्रेट्रों को बुलाया गया था। बैठक में 7 अधिकारी नहीं पहुंचे, जिस पर डीएम ने नाराजगी व्यक्त की। साथ ही वरिष्ठ कोषाधिकारी को इन अधिकारियों के मार्च और अप्रैल माह के वेतन आहरण पर रोक लगाने के निर्देश भी दिए।
बैठक में डीएम मयूर दीक्षित ने अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ब्रह्मखाल, ज्ञानसू, डामटा समेत जिले के सभी नगर और बाजार क्षेत्रों में सड़कों पर से अतिक्रमण तत्काल हटाया जाए। उन्होंने जानकी चट्टी, स्याना चट्टी और बड़कोट में एसडीआरएफ की तैनाती के निर्देश दिए। धौंतरी में पुलिस चौकी स्थापित करने को कहा। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार, अपर जिलाधिकारी तीर्थपाल सिंह, उप जिलाधिकारी मीनाक्षी पटवाल समेत अलग-अलग विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
IAS Mayur Dixit इस वक्त अपनी टीम के साथ चारधाम यात्रा की तैयारियों में जुटे हैं। बता दें कि तीन मई को अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी जबकि केदारनाथ धाम के कपाट 6 मई और बदरीनाथ धाम के कपाट 8 मई को विधि विधान से खुलेंगे। पर्यटन विभाग ने तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस साल रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था शुरू की है।