SaurabhCHAUHAN for NEWS EXPRESS INDIA
भारत में स्थित हर राज्य और जिले का अपना एक समृद्ध और प्राचीन इतिहास रहा है, जिसे एक लंबे संघर्ष और बलिदानों के बाद गाढ़ा या फिर रचना गया है। इसलिए हिंदुस्तान का हर राज्य फिर चाहे वह राजस्थान हो या फिर गुजरात, मध्य प्रदेश हो फिर बिहार आदि की अपनी एक अलग पहचान और संस्कृति है और इनके बारे में पढ़ना या फिर जानना यकीनन रोचक और ज्ञानवर्धक हो सकता है।
ऐसा ही राजस्थान में स्थित दर्रा यानि Pass है, जो एकलिंगजी से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और वह दर्रा है हल्दीघाटी। अब आप सोच रहे होंगे कि हम अचानक हल्दीघाटी के बारे में बात क्यों कर रहे हैं, तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हल्दीघाटी के नाम से लेकर इसका इतिहास बेहद रोचक रहा है। क्योंकि इसके इतिहास के साथ दो बड़े बादशाहों अकबर और महाराणा प्रताप का नाम जुड़ा हुआ है और यहां कई ऐतिहासिक युद्ध भी हुए हैं, आइए जानते हैं।
हल्दीघाटी अरावली पर्वत श्रृंखला में खमनौर और बलीचा गांव के बीच स्थित एक दर्रा है, जो आपस में राजसमंद और पाली जिलों को जोड़ता है। इसे हल्दीघाटी के अलावा राती घाटी के नाम से भी जानते हैं और ऐसा माना जाता है कि इसे हल्दीघाटी इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां की मिट्टी हल्दी जैसी पीली होती है।
हल्दीघाटी क्यों प्रसिद्ध है?
हल्दीघाटी के प्रसिद्ध होने का कारण हम आपको बता ही चुके हैं कि यह अपने नाम की वजह से देशभर में जाना जाता है। लेकिन इसके प्रसिद्ध होने का मुख्य और सबसे प्रसिद्ध कारण है ‘हल्दीघाटी का युद्ध’, जो महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हुआ था। बता दें कि यह युद्ध 18 जून 1576 में लड़ा गया था। हालांकि, कई इतिहास की किताबों में इस युद्ध की तारीख 21 जून 1576 भी बताई गई है। इतिहास के अनुसार ये युद्ध भी महाभारत युद्ध की तरह विनाशकारी साबित हुआ था।
हल्दीघाटी का युद्ध मुगल बादशाह अकबर और मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप के बीच हुआ था, लेकिन इस युद्ध में किसने किसको पराजित किया था। इसको लेकर कई इतिहासकारों में मतभेद है क्योंकि कई इतिहासकारों का मानना है कि इस युद्ध में महाराणा प्रताप ने मुगल बादशाह अकबर को पराजित किया था। वहीं, कई इतिहासकारों का मानना है कि इस युद्ध में अकबर ने महाराणा प्रताप को हराया था।
हल्दीघाटी के युद्ध को लेकर लंबे समय से इतिहासकारों में मतभेद चलता आ रहा है। कई इतिहासकार युद्ध में हुई जीत को लेकर एक मत नहीं है वहीं कई इतिहासकार हल्दीघाटी पर हुए युद्ध को लेकर एकमत नहीं है।
इतिहास के अनुसार ये युद्ध हल्दीघाटी के दर्रा से शुरू हुआ था लेकिन कहा जाता है कि महाराणा प्रताप और अकबर की लड़ाई खमनौर में हुआ था।
इस युद्ध को मुगल इतिहासकार अबुल फजल ‘खमनौर का युद्ध’ कहते हैं। वहीं, महाराणा प्रताप के कवि रामा सांदू ने ‘झूलणा महाराणा प्रताप सिंह जी रा’ में उल्लेख करते हैं कि महाराणा प्रताप अपनी सेना के साथ हल्दीघाटी गए थे लेकिन भयंकर युद्ध खमनौर में हुआ था।