क्या कोरोना की चौथी लहर का कारण बनेगा ओमी क्रोन बीए.2? पढ़ें पुरी खबर.

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कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले बेशक कम हो रहे हैं लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। बताया जा रहा है कि कोरोना एक बार फिर घातक रूप लेकर लौट सकता है और चौथी लहर का कारण बन सकता है। सार्स-को-2 वायरस दो वर्षों के दौरान काफी विकसित हुआ है। पहले अल्फा, बीटा, डेल्टा और ओमीक्रोन ने तबाही मचाई लेकिन अब ओमीक्रोन के सबवेरिएंट बीए.2 (BA.2) को चिंता का कारण माना जा रहा है।

Ba2 स्टीर्ल्थ ओमी क्रोन को अधिक तेजी से फैलने वाला रूप माना जा रहा है और कई देश पहले से ही इसकी चपेट में आ चुके हैं। जापान में एक लैब में हुए अध्ययन में पाया गया है कि बीए.2 अपने मूल रूप ओमीक्रोन यानी बीए.1 की तुलना में अधिक तेजी से फैलने वाला है और अधिक गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है।

हालांकि वैज्ञानिक अभी सही तरह नहीं समझ पाए हैं कि इस नए सबवेरिएंट का इंसान पर किस तरह का प्रभाव है या आगे चलकर इससे क्या नुकसान हो सकता है। वैज्ञानिकों और चिकित्सा पेशेवरों ने इससे जुड़े कुछ सबसे सामान्य लक्षणों को सूचीबद्ध किया है। चलिए जानते हैं इनके बारे में।

कोरोना की चपेट में आने वाले लोगों में सिरदर्द, गले में खराश, छींकना, नाक बहना और शरीर में दर्द सबसे अधिक प्रचलित लक्षण हैं। KREM 2 न्यूज की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन ने ओमीक्रोन बीए.2 सबवेरिएंट के दो अन्य लक्षण पाए हैं, जो हैं- चक्कर आना और थकान रहना।

शोधकर्ताओं का मानना है कि ओमीक्रोन के यह सबवेरिएंट मूल ओमीक्रोन की तुलना में 30% अधिक आसानी से फैलता है। जाहिर है जापानी लैब में हुए अध्ययन में भी इस बात का जिक्र है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि यह कोरोना की चौथी लहर का कारण बन सकता है।

प्रारंभिक रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि बीए.2 सबवेरिएंट को मूल ओमीक्रोन स्ट्रेन की तुलना में ट्रैक करना बहुत कठिन है। यूके की हेल्थ एजेंसी UKHSA के अनुसार, नए सबवेरिएंट में म्यूटेशन का अभाव है, जो कोविड का पता लगाने के लिए जरूरी है। हालांकि, जीनोम की मदद से सबवेरिएंट का पता लगाया जा सकता है, लेकिन रिजल्ट में देरी लग सकती है।

फिलहाल कोरोना वायरस के मामले कम हो रहे हैं और इसके जो भी रूप सामने आए थे, उनके मामले भी कम मिल रहे हैं। मौजूदा समय में बीए.2 के सबसे अधिक मामले मिल रहे हैं और इसमें तेजी से फैलने की क्षमता भी है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि यह कोरोना वायरस की चौथी लहर का कारण बन सकता है।

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