देहरादून के विभिन्न इलाकों में पर्ल्स ग्रीन फोर्ट लिमिटेड (पीजीएफ) और पर्ल्स एग्रोटेक कारपोरेशन लिमिटेड (पीएसीएल) की सील संपत्तियों को खुर्दबुर्द करने के मामले में डालनवाला कोतवाली पुलिस ने मुख्य आरोपित संजीव मलिक की पत्नी पूजा मलिक को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित की तलाश में पुलिस काफी दिनों से दबिश दे रही थी।
उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बीती छह जनवरी को इस मामले का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया था। पीजीएफ और पीएसीएल की कुछ संपत्तियां विवादित थीं। ऐसे में वर्ष 2015 में सीबीआइ की जांच के बाद सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर देशभर में पीजीएफ की 348 और पीएसीएल की 14000 संपत्तियों को सील कर दिया गया। देहरादून के विभिन्न इलाकों में भी पीजीएफ और पीएसीएल की सील संपत्तियां हैं।
देहरादून में भाऊवाला, धोरणखास, तरला आमवाला, बड़ोवाला व मसूरी में सील 100 करोड़ से अधिक की संपत्तियों को डिफेंस कालोनी स्थित एसपीके वर्ल्ड काम प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक पूजा मलिक व संजीव मलिक और उनके साथियों ने उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश व हरियाणा के व्यक्तियों को बेच दिया।
इसके लिए गिरोह ने सर्वोच्च न्यायालय और भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) के फर्जी दस्तावेज तैयार कर संपत्ति अपनी बताई। कई खरीदारों को रजिस्ट्रार विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से भूमि की रजिस्ट्री भी करा दी। गिरोह के सरगना संजीव मलिक निवासी डिफेंस कालोनी देहरादून, शुभम निवासी केहरी गांव प्रेमनगर देहरादून और टिंकू निवासी भीमवाला अकबरपुर पथरी अमरोहा (उप्र) को एसटीएफ पंजाब के लुधियाना से गिरफ्तार कर चुकी है।
इंस्पेक्टर डालनवाला नंद किशोर भट्ट ने बताया कि दस्तावेज जुटाने के बाद आरोपित पूजा मलिक को मोदीनगर, गाजियाबाद उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया।अब भी जितेंद्र उर्फ जानी निवासी अमन विहार सहस्रधारा रोड, नरेंद्र कुमार निवासी मनी एन्क्लेव नेहरूग्राम, आयुष बिष्ट निवासी पुलिस कालोनी, विनय कुमार निवासी वाणी विहार देहरादून, रामकुमार, रियाज चौहान व मेहताब अली निवासीगण माधोपुर, रुड़की फरार चल रहे हैं।