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उत्तराखंड में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. लेकिन सियासी पारा चढ़ा हुआ है. सभी राजनीतिक दल अपने-अपने प्रत्याशियों की लिस्ट तैयार करने में लगे हैं. और ऐसे प्रत्याशी मैदान में उतारना चाहते हैं जिनसे जीत की गारंटी तय हो जाए. उत्तराखंड में बीजेपी और कांग्रेश दोनों दलों में कांटे की टक्कर रहती है.
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव का संग्राम शुरू हो गया है. यहां बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दल अपने अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारने की तैयारी में जुटे हैं. कांग्रेस में प्रत्याशी चयन को लेकर अभी मंथन जारी है. कुछ विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम को लेकर कांग्रेस के भीतर ही सियासत तेज है, इसके चलते सोमवार को भी सूची पर अंतिम मोहर नहीं लगाई जा सकी. प्रत्याशियों की सूची फायनल होने में अभी एक दो दिन का वक्त और लगने के आसार नजर आ रहे हैं. इस बीच हरक सिंह रावत के नाम को लेकर भी कांग्रेस में अभी पेंच फंसा हुआ है. पार्टी हाईकमान ही अब इस पर कोई फैसला ले सकती हैं. वहीं हरीश रावत हरक के शामिल होने को लेकर पहले ही माफी मांगने की शर्त रख चुके हैं. आज भी हरीश रावत उस घटना को नहीं भूले हैं जब हरक सिंह रावत और उनके साथी कांग्रेश को छोड़कर अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए बीजेपी में शामिल हो गए थे. और आज बीजेपी से ठुकराए जाने के बाद हरक सिंह रावत दोबारा कांग्रेस में आना चाहते हैं. वैसे तो हरक सिंह रावत बीजेपी से कांग्रेस और कांग्रेस से बीजेपी अदल बदल करते रहे हैं. इस कारण हरीश रावत का सोचना भी जायज दिखाई दे रहा है.
बताया जा रहा है कि उत्तराखंड कांग्रेस में उम्मीदवारों के नाम पर चयन के लिए एक दो दिनों में सीईसी की दूसरी बैठक हो सकती है. अभी तक स्क्रीनिंग कमेटी की तीन बैठक हो चुकी हैं. इसमें सभी 70 सीटों पर चर्चा की गई है. इसके बाद भी कांग्रेस के भीतर कुछ सीटों पर उम्मीदवारी को लेकर मंथन जारी है. सूची में देरी होने से विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस प्रत्याशियों के नाम को लेकर चर्चाएं बनी हुई हैं.
हरक के नाम पर नहीं हुई कांग्रेस की बैठक में चर्चा
उत्तराखंड कांग्रेस लीडर्स की बैठक में हरक सिंह रावत को लेकर चर्चा नहीं होने की बात भी सामने आ रही है. उनके नाम को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस के नेताओं को आलाकमान के फैसले का इंतजार है. बताया गया है कि राज्य के वरिष्ठ लीडर्स से हरक के मसले पर अभी तक कोई राय नहीं ली गई है.
हरीश रावत रख चुके हैं माफी मांगने की शर्त
पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने हरक सिंह रावत को कांग्रेस सरकार गिराने का दोषी बताया है. इसको लेकर हरीश रावत कह चुके हैं कि यदि हरक सिंह रावत को कांग्रेस में आना है तो वह अपने किए पर पहले माफी मांग लें. इसके बाद ही उनको लेकर विचार किया जा सकता है. गौरतलब है कि उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत को बीजेपी ने रविवार को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया. इसके बाद से ही उनके कांग्रेस में आने की अटकलें लगाई जा रही हैं.