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उत्तर प्रदेश के बाद अब उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं का पाला बदलने का सिलसिला शुरू हो चुका है.मंत्री हरक सिंह रावत के कांग्रेस ज्वाइन करने की खबरों के बीच कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. जब सरिता आर्य ने कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया.
सोमवार को उत्तराखंड की भाजपा इकाई ने हरक सिंह रावत को पार्टी से निकाल दिया और साथ ही उन्हें पुष्कर सिंह धामी के मंत्रिमंडल से भी बर्खास्त कर दिया गया।
हरक सिंह को बर्खास्त किए जाने के कुछ ही देर बाद भाजपा ने प्रदेश कांग्रेस की महिला मोर्चा की अध्यक्ष सरिता आर्य को पार्टी में शामिल करा लिया। सरिता आर्य ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली।
सरिता आर्य पूर्व में नैनीताल सीट से विधायक रहीं हैं, इसलिए यह माना जा रहा है कि भाजपा उन्हें उनकी पारंपरिक सीट से चुनाव लड़ा सकती है। दरअसल कांग्रेस में उम्मीदवारों के नाम को अंतिम रूप दिए जाने से पहले ही सरिता आर्य को अपने टिकट कटने की भनक लग चुकी थी। जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस के प्रति बगावती तेवर अपना लिए थे। काग्रेस छोड़ने पर सरिता आर्य को कांग्रेस ने छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
बता दें कि सरिता आर्य नैनीताल सुरक्षित सीट से 2012 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुई थीं। हालांकि 2017 के चुनाव में वह हार गईं थीं। भाजपा सरिता आर्य के बहाने अनुसूचित जाति की उपेक्षा का मुद्दा उठाकर कांग्रेस पर हमला बोलने की तैयारी में है।
गौरतलब है कि शनिवार को ही सरिता आर्या ने कांग्रेस में रहते हुए उनकी मुहिम ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि हमें इस नारे से आस है. सरिता आर्या ने कहा था कि हम उत्तराखंड चुनाव में 20 फीसदी टिकट महिलाओं के लिए आरक्षित करने की मांग करते हैं. आर्या ने आगे कहा था कि कुछ महिलाएं मुझसे कहती हैं कि आप अपने लिए टिकट नहीं ला पाईं, तो हमको कैसे दिलाएंगी?