अरब के रेगिस्तान में बर्फबारी सबको आश्चर्यचकित करती है क्योंकि वहां बहुत कम ही ऐसा होता है लेकिन अरब के कुछ पर्वत ऐसे हैं जहां हर साल बर्फबारी होती है. लेकिन जब बर्फबारी होती है वहां का नजारा बहुत ही खूबसूरत हो जाता है
सऊदी अरब में हर साल जबल अल-लावज, जबल अल-ताहिर और ताबुक में जबल अल्कान पर्वतों पर दो से तीन हफ्तों तक बर्फ गिरती है. ये पहाड़ सऊदी अरब के उत्तर पश्चिमी इलके में हैं. जबल अल-लावज 2,600 मीटर ऊंचा है. इस पर्वत को अलमंड माउंटेन भी कहा जाता है क्योंकि इसकी ढलान पर बड़ी संख्या में बादाम के पेड़ लगे हुए हैं.
सऊदी अरब (Saudi Arabia) के बद्र शहर में रेगिस्तान (Saudi Arabia Desert) पर बर्फ बिछी हुई है. यहां ओले (Snowfall) गिरने के बाद ऐसा नजारा हुआ कि सुनहरे दिखने वाले रेगिस्तान का रंग सफेद हो गया. बर्फ के बीच लोगों ने खूब मस्ती की.
इस महीने की शुरुआत में सऊदी के उत्तर-पश्चिमी इलाकों में खराब मौसम ने दस्तक दी थी, जिसके बाद से ही इलाके में लगातार बर्फ गिर रही है. इलाके का तापमान भी तेजी से नीचे आ गया है. ड्रोन से ली गई फुटेज में बद्र शहर के रेगिस्तानी टीले बर्फ से ढंके दिख रहे हैं.
ताबुक के पास स्थित अल-लॉज पर्वत पर हजारों की संख्या में सैलानी इस बर्फबारी का लुफ्त उठाने पहुंचे हैं. पिछले साल फरवरी में भी इस इलाके में भारी बर्फबारी हुई थी. तब बर्फबारी ने पिछले 50 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया था.
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी की सरकारी न्यूज एजेंसी एसपीए ने बर्फ की चादरों से ढकी कारों की तस्वीरे पोस्ट की हैं. वीडियो में लोग बर्फ का लुत्फ उठाते दिख रहे हैं. जबल अल-लावज, जबल अल-ताहिर और जबल अल्कान पर्वत पूरी तरह से बर्फ के आगोश में हैं.
अरबी अखबार अशराक अल-अवसात के अनुसार, सऊदी अरब में हर साल जबल अल-लावज, जबल अल-ताहिर और ताबुक में जबल अल्कान पर्वतों पर दो से तीन हफ्तों तक बर्फ गिरती है. ये पहाड़ सऊदी अरब के उत्तर पश्चिमी इलके में हैं. जबल अल-लावज 2,600 मीटर ऊंचा है. इस पर्वत को अलमंड माउंटेन भी कहा जाता है क्योंकि इसकी ढलान पर बड़ी संख्या में बादाम के पेड़ लगे हुए हैं.
इस क्षेत्र में हर साल अलग-अलग मौसमों में बर्फबारी होती है. ताबुक का इलाका जॉर्डन से सटा हुआ है. इस इलाके में बर्फ पिघलने के बाद काफी सुंदर नजारा देखने को भी मिलता है.
नवंबर 2016 में सऊदी अरब में बर्फीला तूफान आया था, जिसमें देश के कई हिस्सों में तापमान जीरो से नीचे चला गया था. कई इलाकों में भारी बर्फ गिरी थी और बाढ़ भी आई थी. 23 नवंबर को बर्फ गिरने के बाद उत्तरी बॉर्डर पर स्थित तुरैफ में 25 नवंबर को तापमान -4 डिग्री सेल्सियस हो गया. सऊदी में सामान्य तौर पर तापमान कभी 20 डिग्री सेल्सियस से कम नहीं होता.