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उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर राजनीतिक जोड़-तोड़ शुरू हो गई है सभी राजनीतिक दल अपने अपने मजबूत उम्मीदवार को क्षेत्र की चुनाव सीट पर उतारना चाहते हैं हम देहरादून की सहसपुर विधानसभा सीट की चर्चा कर रहे हैं.
सहसपुर विधानसभा देहरादून जिले की सामान्य सीट है। इसमें औद्योगिक क्षेत्र सेलाकुई नगर पंचायत के अलावा सहसपुर, भाऊवाला, शंकरपुर, रामपुर, ठाकुरपुर, मिस्रास पट्टी, डूंगा, कोटी ढलानी, शिमला बाईपास, कुंजा, कुल्हाल, जस्सोवाला, बैरागीवाला आदि इलाके आते हैं। यह विधानसभा क्षेत्र राज्य गठन के बाद हुए परिसीमन से अस्तित्व में आया। इससे पहले यह चकराता सीट का हिस्सा था।
मतदाता के लिहाज से इस सीट पर कांग्रेस की अच्छी पकड़ मानी जाती है, मगर लंबे समय से यह सीट भाजपा की झोली में है। जिसकी वजह है कांग्रेस की गुटबाजी। पिछले चुनाव की बात करें तो इस सीट से विधायक भाजपा के सहदेव सिंह पुंडीर को 44,055 मत मिले थे। जबकि, कांग्रेस के प्रत्याशी किशोर उपाध्याय को 25,192 और कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय लड़े आर्येंद्र शर्मा को 21,888 मत पड़े।
राज्य गठन के बाद से अब तक इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच ही लड़ाई देखने को मिली है। इसमें कांग्रेस एक बार तो भाजपा तीन बार विजयी रही। वर्ष 2002 में इस सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी साधुराम जीते थे। भाजपा के प्रत्याशी प्रदीप दूसरे स्थान पर रहे थे। इसके बाद वर्ष 2007 में भाजपा से राजकुमार और वर्ष 2012 व 2017 में भाजपा के सहदेव पुंडीर ने विजय प्राप्त की।
यहां करीब 35 प्रतिशत मतदाता पर्वतीय मूल के हैं। इसके बाद सबसे अधिक 25 प्रतिशत मतदाता मुस्लिम हैं। बोक्सा व जौनसारी जनजाति के 15 प्रतिशत, ओबीसी के पांच प्रतिशत, अनुसूचित जाति के 15 प्रतिशत और पंजाबी, वैश्य आदि सामान्य वर्ग के 5 प्रतिशत मतदाता भी चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ग्रामीण बाहुल्य इस सीट पर विकासनगर विकासखंड के कई गांव शामिल हैं।
अब तक हुए चुनावों का आकलन करें तो यहां मतदाताओं ने प्रमुख राजनीतिक दलों को ही तरजीह दी। देखना है इस बार जनता किस राजनीतिक दल को तरजीह देती है