शनिवार को देहरादून में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उत्तराखंड पूरी देश की आस्था ही नहीं, बल्कि कर्म और कठोरता की भी भूमि है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार  को देहरादून पहुंचे। उन्होंने परेड ग्राउंड से राज्य को 18 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाएं की सौगात दी। इसके बाद स्थानीय भाषा में अपने संबोधन की शुरुआत की। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड पूरी देश की आस्था ही नहीं, बल्कि कर्म और कठोरता की भी भूमि है। आज जिन परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है वे इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने में अहम भूमिका निभाएंगी। उन्होंने कहा कि आज की सरकार किसी देश के दबाव में काम नहीं करती। 10 साल तक देश में इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर घोटाले हुए। हम दिन रात मेहनत करके आज भी उनकी भरपाई करने में जुटे हुए हैं। पिछली सरकार ने देश का, उत्तराखंड का समय बर्बाद किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे पहाड़, हमारी संस्कृति, आस्था के गढ़ तो हैं ही, ये हमारे देश की सुरक्षा के भी किले हैं। पिछली सरकारों ने वन रैंक, वन पेंशन की अनदेखी की। बॉर्डर के पास सड़कें और पुल बनें, इस ओर पिछली सरकारों ने ध्यान नहीं दिया। सेना को निराश करने का काम किया। आज सेना गोली का जवाब, गोली से देती है। उन्होंने कहा कि आज मैं यह कह सकता हूं कि उत्तराखंड का पानी और जवानी यहीं के काम आएंगे। इसके अलावा पीएम ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल भेद करके एक तबके के लिए वोटबैंक की राजनीति करते हैं जबकि हम सभी के लिए योजनाएं बनाते हैं। हमारा मार्ग कठिन जरूर है लेकिन हम देशहित में काम करते हैं। पहले की सरकारों ने सोची समझी रणनीति के तहत जनता को ताकतवर नहीं बनने दिया। हमने इस अप्रोच से अलग रास्ता चुना है। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई लक्ष्य नहीं है जो उत्तराखंड हासिल नहीं कर सकता। ऐसा कोई संकल्प नहीं है जो यहां सिद्ध नहीं हो सकता।

ऐसा कोई संकल्प नहीं जो ये देवभूमि सिद्ध नहीं कर सकती

पीएम मोदी ने कहा कि साढ़े सात लाख घरों में नल से जल पहुंचा। उत्तराखंड में अब होम-स्टे लगभग हर गांव में पहुंच चुके हैं। लोग बहुत सफलता से यहां होम-स्टे चला रहे हैं। आने वाले पांच साल उत्तराखंड को रजत जयंती की ओर ले जाने वाले हैं। ऐसा कोई काम नहीं जो उत्तराखंड नहीं कर सकता। ऐसा कोई संकल्प नहीं जो ये देवभूमि सिद्ध नहीं कर सकती। देशभर में जो बिखर रहे हैं वो उत्तराखंड को निखार नहीं सकते हैं।

हम आपको ताकतवार बनाना चाहते हैं

पीएम ने कहा कि वन रैंक वन पेंशन हो, आधुनिक अस्त्र-शस्त्र हो, आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देना हो, जैसे उन लोगों ने हर स्तर पर सेना को हतोत्साहित करने की कसम खा रखी थी। आज जो सरकार है वो दुनिया के किसी देश के दबाव में नहीं आ सकती। हमने जो रास्ता चुना है वो रास्ता कठिन है, मुश्किल है लेकिन वो देश हित में है। हमारा मार्ग है सबका साथ, सबका विकास, हमने कहा जो भी योजना लाएंगे सबके लिए लाएंगे। हमने वोटबैंक की राजनीति को आधार नहीं बनाया। देशहित को प्राथमिकता दी। हम आपको ताकतवार बनाना चाहते हैं। हम आपको आश्रित नहीं आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं। जैसा हमने कहा था जो हमारा अन्नदाता है वो ऊर्जादाता भी बने। इसके लिए हम खेत के किनारे पर सोलर पैनल लगाने की योजना लेकर आए। इससे देश पर भार भी नहीं बढ़ा और किसान को बिजली भी मिल गई।

आज की सरकार किसी के दबाव में नहीं आती

पीएम ने कहा कि आज की सरकार किसी के दबाव में नहीं आती। पहले की सरकार ने उत्तराखंड में नेशनल हाईवे पर 7 साल में 600 करोड़ के आस पास खर्च किया। हमारी सरकार ने 7 साल में नेशनल हाईवे पर 12,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर चुकी है। पहले की सरकारों ने अपनी तिजोरी भरी। हम आपका सपना पूरा करने के लिए दिनरात मेहनत कर रहे हैं। आज समय से साथ राजनीति में विकृति आ गई है। समाज में भेद करके किसी एक जाति को, एक तबके की तरफ ध्यान देना बस यही काम हुए। आज उत्तराखंड में तीन मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं। आज की सरकार सीधे जनता के पास जाती है।

पहाड़ देश की सुरक्षा के किले हैं

जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बीते वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद, अनेक जरूरी प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद आखिरकार आज ये दिन आया है। आज भारत, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के इरादे से आगे बढ़ रहा है। आज भारत की नीति, गतिशक्ति की है, दोगुनी-तीन गुनी तेजी से काम करने की है। आज देश नवनिर्माण में जुटा है। केदारनाथ का पुनर्निर्माण किया गया। हमारे पहाड़ आस्था और संस्कृति के गढ़ हैं। पहाड़ देख की सुरक्षा के लिए किले हैं।

कविता की पंक्तियों से किया संबोधन खत्म

अपने संबोधन को खत्म करते हुए पीएम मोदी ने ये पंक्तियां कहीं- जहां पवन बहे संकल्प लिए, जहां पर्वत गर्व सिखाते हैं, जहां ऊंचे-नीचे सब रस्ते, बस भक्ति के सुर में गाते हैं, उस देवभूमि के ध्यान से ही, उस देव भूमि के ध्यान से ही, मैं सदा धन्य हो जाता हूं, है भाग्य मेरा, सौभाग्य मेरा, मैं तुमको शीश नवाता हूं।

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