Rajender Singh for NEWS EXPRESS INDIA
जिस बच्चे को 9 महीने कोख में रखा. अपना दूध पिलाया. अपने आप गीले में सोकर उसे सूखे में सुलाया. बड़ा होकर कोई अपनी मां की हत्या कर दे. सिर धड़ से अलग कर दें. वह व्यक्ति या तो पागल होगा. या बहुत बड़ा सिरफिरा रहा होगा. इस अपराध को करने वाले को हाई कोर्ट ने मौत की सुनाई.
प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश प्रीतू शर्मा ने मां को मौत के घाट उतारने वाले बेटे को फांसी की सजा सुनाई है। उस पर दस हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न देने पर एक साल अतिरिक्त कारावास में रहना होगा।
उदयपुर रैक्वाल गौलापार थाना चोरगलिया, जिला नैनीताल निवासी डिगर सिंह कोरंगा गुस्सैल व्यक्ति था. डिगर सिंह कोरंगा का अक्तूबर 2019 को अपनी माता जोमती देवी से विवाद हो गया था। गुस्से में उसने दराती से प्रहार कर मां का सिर धड़ से अलग कर दिया था। मौके पर मौजूद ग्राम प्रधान इंद्रजीत सिंह समेत अन्य ग्रामीणों ने बीचबचाव करने का प्रयास किया तो आरोप है कि डिगर सिंह ने उन पर भी कुल्हाड़ी से जानलेवा हमला कर दिया था। पिता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने डिगर को गिरफ्तार किया था।
अदालत में पेश किए थे 12 गवाह
तीन दिन पहले प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश प्रीतू शर्मा की अदालत में हुई सुनवाई के दौरान जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने 12 गवाह पेश किए थे। बुधवार को न्यायाधीश प्रीतू शर्मा की अदालत में सजा को लेकर सुनवाई हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील शर्मा ने कहा कि जिस बेटे को मां ने नौ महीने गर्भ में रखा उसने उसी मां की निर्मम हत्या की है लिहाजा अभियुक्त को फांसी दी जाए तो वह भी कम है। बचाव पक्ष ने अभियुक्त की मनोदशा को देखते हुए कम से कम सजा देने की गुहार लगाई।