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उत्तराखंड के काशीपुर में छह दिन से लापता युवक की हत्या कर दी गई है। पुलिस ने उसके दो दोस्तों को गिरफ्तार कर यूपी के थाना टांडा चौकी दड़ियाल स्थित रजपुरा डैम से उसका शव बरामद किया। हत्यारों ने उसका सिर और दायां हाथ धड़ से अलग कर दिया था। धड़ तो बरामद हो गया, जबकि पुलिस हाथ और सिर की तलाश में जुटी है।
ग्राम धीमरखेड़ा जोशी का मंझरा निवासी विशाल (21) पुत्र राजकुमार दो माह पहले तक काशीपुर नगर निगम में संविदा सफाई कर्मी के रूप में कार्यरत था। 18 नवंबर की सुबह करीब साढ़े नौ बजे वह काम पर जाने की बात कहकर घर से निकला था। उसके बाद घर नहीं लौटा। अगले दिन उसकी गुमशुदगी आईटीआई थाने में दर्ज कराई गई। पुलिस ने विशाल की खोज शुरू की तो पता लगा कि 18 नवंबर को वह खोखरा मंदिर दीक्षा कालोनी निवासी कुछ युवकों के साथ देखा गया था।
पुलिस ने दो दिन पहले ग्राम तेलीपुरा (रामपुर) निवासी संदीप और धीमरखेड़ा निवासी सचिन उर्फ नन्नू को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने विशाल की हत्या करने का जुर्म कुबूल लिया। उन्होंने बताया कि विशाल की हत्या के बाद उसका शव यूपी के थाना टांडा चौकी दड़ियाल स्थित रजपुरा डैम में दबा दिया है। हत्या करते समय उन्होंने विशाल का दायां हाथ भी काट दिया। हत्यारों ने धड़ डैम के पास रेत में दबा दिया था, सिर और कपड़े कहीं और दबा दिए।
इस पर एसपी प्रमोद कुमार, आईटीआई थाना प्रभारी विद्यादत्त जोशी, पैगा चौकी प्रभारी अमित शर्मा, काशीपुर एसएसआई प्रदीप मिश्रा आदि ने पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचकर आरोपियों की निशानदेही पर खोदाई कराई। पुलिस ने मौके से मृतक का धड़ बरामद कर लिया।
पुलिस ने उसका सिर और दायां हाथ बरामद करने के लिए जेसीबी की मदद से काफी दूर तक खोदाई करवाई, लेकिन देर शाम तक कोई सफलता नहीं मिल सकी। एसपी प्रमोद ने बताया कि बृहस्पतिवार को भी मृतक के अवशेषों की तलाश की जाएगी। पुलिस ने शव पंचनामे के बाद मोर्चरी भेज दिया है। सूचना पर एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर ने भी मौका मुआयना किया। दोनों युवकों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है।
आरोपियों ने डेढ़ किमी तक रेत पर घसीटा
शव वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने मृतक के शव को करीब डेढ़ किमी तक रेत पर घसीटा। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त पाटल और मृतक का मोबाइल बरामद कर लिया है। एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर ने बताया कि विशाल भी नशे का आदी था। पूर्व में उसे नशा मुक्ति केंद्र भेजा जा गया था। वहां से आने के बाद वह दोनों हत्यारोपियों के साथ मिलकर फिर से नशा करने लगा। आरोप है कि परिजनों की नाराजगी पर विशाल नशा कराने के लिए आरोपियों को जिम्मेदार बताता था। इस पर विशाल के परिजन आरोपियों से झगड़ते थे।
मृतक विशाल के शव की शिनाख्त उसके परिजनों ने बाएं हाथ पर गुदे वीके अक्षरों से की। हत्या के बाद उसका सिर बरामद न होने से उसकी शिनाख्त को लेकर पुलिस भ्रम की स्थिति में थी। मौके पर पुलिस के साथ गए पिता राजकुमार ने बताया कि उसके बेटे के बाएं हाथ पर वीके गुदा है। मृतक के पिता और परिजनों ने शव की शिनाख्त की।
विशाल अपने परिवार में इकलौता कमाने वाला था। परिवार में माता सुशीला, पिता राजकुमार के अलावा दो बहनें महक व गुंजन और एक दिव्यांग भाई शिवकुमार (18) है। भाई-बहनों को विशाल से ही आस थी। उसकी हत्या से परिवार सदमे में है। मां और बहनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पिता राजकुमार का कहना है कि वहशियों ने उसके पुत्र की इस तरह निर्मम हत्या की है कि वह मृत बेटे का चेहरा तक नहीं देख सके। ग्राम प्रधान राजवीर ने जिला प्रशासन से मृतक के आश्रितों को मुआवजा दिए जाने की मांग की है।
विशाल की हत्या के पीछे नशा अहम कारण माना जा रहा है। हत्यारोपियों का कहना है कि विशाल खुद शराब का सेवन करता था, जबकि नशा कराने के लिए उनके नाम का दुष्प्रचार कर गांव में उनकी बदनामी करता था। इस बात को लेकर पूर्व में भी उनकी कहासुनी हो चुकी थी। बदनामी का बदला लेने के लिए ही उन्होंने विशाल की हत्या की है।