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चुकंदर में नाइट्रेट नाम का पोषक तत्व पाया जाता है जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने और दिल को सेहतमंद बनाए रखने का काम करता है।
– इसके अलावा पानी पीना हेल्दी रहने के लिए बहुत जरूरी है। इससे आपकी बॉडी हाइड्रेट होती है।
आज कल के समय में उम्र का असर स्किन पर वक्त से पहले ही दिखने लगता है। इसके पीछे के कई कारण हैं, जैसे प्रदूषण, तनाव, शराब पीना, धूम्रपान करना आदि। इसके अलावा हाई प्रोसेस्ड फूड और मीठे एवं सैचुरेटेड फैट युक्त खाद्य सामग्री भी हमें जल्दी बूढ़ा दिखाने में एक अहम भूमिका निभाती है। वहीं कुछ ऐसी खाद्य सामग्री भी मौजूद हैं जो आपकी स्किन और सेहत का पूरा ख्याल रखेंगी।
हालांकि उम्र का असर त्वचा पर दिखने लगता ही है। लेकिन अगर आप हमारे द्वारा बताई गई खाद्य सामग्रियों को ही उपयोग करते हैं तो 50 की उम्र के बाद भी त्वचा पर दिखने वाले असर को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।
ब्लूबेरी खाने में जितनी ज्यादा स्वादिष्ट होती हैं, उससे कहीं ज्यादा यह हमारी सेहत को लाभ पहुंचाती हैं। आपको बता दें कि ब्लूबेरी में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो वजन कम करने या उम्र के बाद कोशिकाओं को होने वाले नुकसान से बचा सकते हैं। आपको बता दें साल 2012 में हुई एक रिसर्च और 2020 में कई गई समीक्षा के मुताबिक ब्लूबेरी के सेवन से संज्ञानात्मक गिरावट को थोड़ा दूर धकेला जा सकता है। साथ ही ब्लूबेरी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण बड़े बुजुर्गों के संज्ञानात्मक गिरावट को भी कम करने में मदद कर सकते हैं।
हमने अक्सर बड़े बुजुर्गों से सुनी है। आपको बता दें कि हरी पत्तेदार सब्जियों में प्रोटीन, कैल्शियम, गुड फैट, एंटीऑक्सीडेंट, और बहुत से जरूरी विटामिन पाए जाते हैं। इसके अलावा हरी पत्तेदार सब्जियों में कैलोरी भी बहुत कम होती है। जिनके नियमित रूप से सेवन पर आप पूरी जिंदगी स्वस्थ रह सकते हैं। यही नहीं हाल ही में हुए शोध बताते हैं कि 50 की उम्र के बाद पालक, केल, साग, चार्ड आदि के नियमित सेवन से बढ़ती उम्र के असर को कम किया जा सकता है।
बादाम, काजू, अखरोट और ब्राजील नट्स जैसे कई दूसरे ड्राई फ्रूट्स मौजूद हैं जो हर आयु के लोगों को लाभ पहुंचा सकते हैं।आपको बता दें कि फाइबर, प्रोटीन और विटामिन समेत इनमें कई गुण मौजूद होते हैं जो 50 साल की उम्र के बाद वजन घटाने में सहायता कर सकते हैं। इसके अलावा नट्स के सेवन से मधुमेह के रोगी अपने रक्त शर्करा के स्तर में सुधार ला सकते हैं। साथ ही यह हृदय स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डालते हैं और मेटाबॉलिज्म संबंधित रोगों से भी बचाकर रखते हैं।
फैटी फिश बढ़ती उम्र में बहुत फायदेमंस होती है। साल्मन फिश में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है। ये एसिड न सिर्फ इन्फ्लेमेशन की समस्या कम करता है, बल्कि रक्त कोशिकाओं में पट्टिका के बढ़ने की गति को भी धीमा करता है।इससे शरीर में गुड कॉलेस्ट्रोल बढ़ता है और आंतों में इंफ्लेमेशन की दिक्कत कम होती है।
एवोकाडो को पोषक तत्वों का खजाना भी कहा जाता है। आपको बता दें कि इस छोटे से फल में आपको विटामिन बी, सी, फोलेट, गुड फैट, मैग्नीशियम, एंटीऑक्सीडेंट और बीटा कैरोटीन जैसे एंटी एजिंग गुण पाए जाते हैं। ऐसे में अगर आप 50 की आयु के बाद इसका सेवन नियमित रूप से करते हैं तो यह संज्ञानात्मक गिरावट को रोकने में मदद करते हैं। यही नहीं एवोकाडो स्किन पर बढ़ती उम्र के असर को भी ठीक कर सकते हैं और स्किन को टाइट करते हैं। साथ ही स्किन की इलास्टिसिटी भी सुधारता है।
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।