VS CHAUHAN for NEWS EXPRESS INDIA
नशामुक्ति केंद्रों में मारपीट, दुष्कर्म और नशा परोसने जैसी घटनाओं का संज्ञान लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकार के नियंत्रण में दो नशामुक्ति केंद्र संचालित करने का निर्णय लिया है। दूसरी तरफ, सरकार की मंशा के अनुरूप देहरादून जिला प्रशासन ने नशामुक्ति केंद्रों पर शिकंजा कसना तेज कर दिया है। जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार के निर्देश पर बुधवार को सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान और एसपी सिटी सरिता डोबाल ने टीम के साथ दो नशामुक्ति केंद्रों पर छापेमारी की। रिस्पना पुल के पास स्थित जिस लाइफ केयर रिहैब सेंटर में युवक की मौत और मारपीट का मामला सामने आया था, वहां हालात बदतर पाए गए। जिलाधिकारी ने इस केंद्र को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश जारी किया है।
प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने लाइफ केयर रिहैब सेंटर के निरीक्षण में पाया कि यहां 19 व्यक्तियों को अमानवीय स्थिति में रखा गया है। सभी लोग एक घुटनभरे (खिड़की तक नहीं) कमरे में ठूंसे हुए पाए गए। नशामुक्ति केंद्र के बायलाज में नशामुक्ति केंद्र के संचालन का जिक्र तक नहीं था। भर्ती व्यक्तियों के लिए न तो चिकित्सक की सुविधा थी और न ही काउंसलिंग का इंतजाम। यहां तक कि भर्ती किए गए व्यक्तियों का रिकार्ड तक अपडेट नहीं था।
जिलाधिकारी ने इसे गंभीर माना और केंद्र को बंद करने के आदेश जारी किए। सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान ने बताया, केंद्र संचालक को निर्देश दिया गया है कि भर्ती किए गए व्यक्तियों को दो दिन के भीतर उनके स्वजन के सुपुर्द करके केंद्र को बंद कर दें। केंद्र को दो दिन के भीतर बंद किया जाता है या नहीं, इसकी पुष्टि के लिए नेहरू कालोनी थानाध्यक्ष को निर्देशित किए गया है।
एसजी फाउंडेशन को व्यवस्था में सुधार के लिए दिए 24 घंटे
प्रशासन और पुलिस की टीम ने ईसी रोड स्थित एसजी फाउंडेशन नशामुक्ति केंद्र में भी छापेमारी की। यहां अधिकारियों ने पाया कि केंद्र के संचालन की तमाम कागजी कार्रवाई पूरी नहीं की गई है। भर्ती किए गए 31 व्यक्तियों का विवरण अलग-अलग न होने पर निर्देश दिया गया कि हर एक व्यक्ति की अलग फाइल बनाई जाए। जो चिकित्सक तैनात मिला, उनका एमसीआइ में पंजीकरण होने की पुष्टि भी मौके पर नहीं हो पाई। इसके अलावा फर्श पर लगाए गए बिस्तर में चादर तक नहीं थी। सिटी मजिस्ट्रेट ने व्यवस्था में सुधार के लिए केंद्र संचालक को 24 घंटे का समय दिया है।
नशा न करने वाली दो युवतियां भी भर्ती
एसजी फाउंडेशन नशामुक्ति केंद्र में प्रशासन व पुलिस की टीम को दो युवतियां ऐसी मिलीं, जो नशा नहीं करती हैं। पूछताछ में पता चला कि एक युवती को दौरे पड़ते हैं और इसी आधार पर स्वजन ने उसे यहां भर्ती करा दिया। सिटी मजिस्ट्रेट ने केंद्र संचालक को निर्देश दिया कि दौरे पडऩे वाली युवती को उसके स्वजन के माध्यम से सक्षम अस्पताल में भर्ती कराया जाए और दूसरी युवती को स्वजन के सुपुर्द किया जाए। छापेमारी में जिला विकास अधिकारी सुशील मोहन डोभाल, थानाध्यक्ष नंद किशोर भट्ट, सहायक समाज कल्याण अधिकारी एसएस नेगी, मानसी मिश्रा, जहांगीर आलम आदि शामिल रहे।
जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार का कहना है कि क्लेमेनटाउन स्थित नशामुक्ति केंद्र में युवती के साथ दुष्कर्म की घटना के बाद से ही प्रशासन नशामुक्ति केंद्रों की जांच कर रहा है। केंद्रों की निगरानी व गाइडलाइन बनाने के लिए मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति भी गठित की गई है। सितंबर में की गई छापेमारी में खुड़बुड़ा स्थित इनलाइटमेंट फिलेशिप नशामुक्ति केंद्र को बंद करा दिया गया था। अब लाइफ केयर रिहैब सेंटर को भी बंद कराने के आदेश जारी किए गए हैं। नियमों के विपरीत संचालित हो रहे केंद्रों पर प्रशासन की कार्रवाई जारी रहेगी।