ड्यूटी पर जा रहे सेना के जवान संतोष प्रसाद की बेकाबू डंपर ने जान ले ली।

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एक माह की छुट्टी के बाद ड्यूटी पर जा रहे सेना के जवान संतोष प्रसाद की बेकाबू डंपर ने जान ले ली। कहां तो टिहरी गढ़वाल के गांव निवाल बूढ़ाकेदार निवासी संतोष प्रसाद के स्वजन उनकी शादी की तैयारी में जुटे थे। लेकिन, सड़क हादसे में उनकी मौत होने से परिवार की यह ख्वाहिश अधूरी रह गई। इस हादसे में संतोष के मौसेरे भाई अभिषेक भट्ट निवासी डुंडा, उत्तरकाशी की भी मौत हो गई। दोनों बाइक पर प्रेमनगर से आइएसबीटी जा रहे थे।

बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले ही संतोष की सगाई हुई थी। उनका बड़ा भाई कैलाश भी सेना में है। वह इस समय पुणे में ट्रेनिंग ले रहा है। भाई को छुट्टी नहीं मिलने के कारण संतोष ने शादी कुछ समय के लिए टाल दी थी। कैलाश को दिसंबर में ट्रेनिंग पूरी करने के बाद घर आना था और इसके बाद शादी की तारीख तय होनी थी। वहीं, अभिषेक इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर चुका था। रविवार को उसका हरिद्वार में कनिष्ठ सहायक का पेपर था। आज दोनों मृतकों के शवों का हरिद्वार में अंतिम संस्कार किया जाएगा।

लद्दाख के लेह में तैनात संतोष इसी तीन अक्टूबर को छुट्टी पर घर आए थे। ड््यूटी पर वापस जाने के लिए वह शुक्रवार को अभिषेक के साथ घर से निकले और दून आकर प्रेमनगर में एक रिश्तेदार के यहां रुक गए। वहां से शनिवार रात संतोष आइएसबीटी के लिए निकले, जहां से उन्हें चंडीगढ़ के लिए बस पकडऩी थी। चंडीगढ़ से आगे का सफर हवाई जहाज से करना था।

अभिषेक बाइक से संतोष को आइएसबीटी तक छोडऩे जा रहा था। पंडितवाड़ी के निकट सामने से आ रहे तेज रफ्तार डंपर ने उनकी बाइक में टक्कर मार दी। संतोष और अभिषेक छिटककर सड़क पर जा गिरे। इसके बाद डंपर दोनों के ऊपर से गुजर गया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। पंडितवाड़ी पुलिस चौकी के इंचार्ज अर्जुन गुसाईं ने बताया कि डंपर ने पहले बाइक और फिर सड़क किनारे खड़े पेड़ को टक्कर मारी। डंपर की गति का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि उसकी टक्कर से पेड़ टूटकर गिर गया।

स्टाफ पर बदसलूकी का आरोप

मृतकों के स्वजन ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद उन्होंने रात में शवों को मोर्चरी में ही रखने को कहा तो कोरोनेशन अस्पताल के स्टाफ ने इन्कार कर दिया। शवों को दून अस्पताल ले जाने के लिए कहा गया। दून अस्पताल में भी शवों को मोर्चरी में रखवाने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ी। ऐसे में तीन घंटे तक शव एंबुलेंस में ही पड़े रहे। कोरोनेशन अस्पताल की सीएमएस शिखा जंगपांगी ने बताया कि मोर्चरी में रखे फ्रिज कूलिंग नहीं कर पा रहे, इस कारण शवों को दून अस्पताल ले जाने के लिए कहा गया। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी को अवगत करा दिया गया है।

 

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