VS chauhan KI REPORT
उत्तराखंड के कुमाऊं में सोमवार को लगातार हो रही बारिश के चलते रुद्रपुर शहर की सड़कें नदी में तब्दील हो गईं। वहीं देर शाम कल्याणी नदी का जलस्तर बढ़ने की वजह से इसके किनारे स्थित बस्तियों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। वहीं, गूलरभोज बंगाली बस्ती वार्ड नंबर चार और ग्राम खोपा सिग्नल में कई घर पानी में डूब गए।उफनती नदी का पानी घरों में घुस गया था और लोग कल्याणी के रौद्र रूप को देखकर घबरा गए ।
पुलिस प्रशासन की टीमों ने सबसे प्रभावित एक हजार लोगों को सुरक्षित निकाल दिया । सीओ के अनुसार डेढ़ सौ लोगों को भूतबंगला क्षेत्र में दो सरकारी स्कूलों में ठहराया गया .और उनके खाने की व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरफ की टीमें तैनात की गई ।
सोमवार को दिनभर हुई बरसात के बाद शाम को अचानक कल्याणी नदी उफान पर आ गई। इसके चलते कल्याणी नदी किनारे स्थित जगतपुरा, मुखर्जीनगर, शिवनगर, भूतबंगला, रविंद्रनगर, संजयनगर के निचले क्षेत्रों में पानी घुस गया। इन बस्तियों की गलियां लबालब होने के साथ ही बाढ़ का पानी घरों में घुस गया।
सूचना पर सीओ सिटी अमित कुमार, एसडीएम प्रत्यूष सिंह राहत और बचाव टीमों के साथ सबसे प्रभावित क्षेत्र भूतबंगला पहुंच गए। टीमों ने राहत कार्य शुरू करते हुए लोगों को सुरक्षित निकालना शुरू कर दिया। हालांकि नदी से सटे घरों में रहने वाले कईं परिवार सुरक्षित परिचित और रिश्तेदारी में चले गए थे।
मेयर रामपाल सिंह ने बताया कि कल्याणी नदी से सटी बस्तियों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। बड़ी संख्या में लोगों के घरों में पानी घुस गया है। शहर के मुख्य बाजार, सिब्बल सिनेमा रोड, काशीपुर बाइपास सहित अन्य जगहों पर सड़कें पानी से लबालब हो गई। इसके चलते पानी कईं दुकानों के भीतर घुस गया।
सोमवार को बाजार बंद होने की वजह से अधिकांश दुकानें बंद थी। हालांकि कुछ दुकानदारों ने दुकान पर पहुंचकर अंदर भरे पानी को बाहर निकालने की कोशिश की और भीगे हुए सामान को बाहर निकाला। व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय जुनेजा ने भी भारी जलभराव को देखते हुए दुकानदारों से अपनी दुकानों में जाकर स्थितियां देखने की अपील की।
सीओ अमित कुमार का कहना है कि कल्याणी नदी से सबसे अधिक प्रभावित भूतबंगला क्षेत्र है। इस क्षेत्र में करीब एक हजार लोग प्रभावित हैं और सभी सुरक्षित हैं। बचाव अभियान चलाकर कई लोगों को निकाला गया है। इनमें डेढ़ सौ लोगों को भूतबंगला के ऊपरी क्षेत्र में स्थित दो सरकारी स्कूलों में ठहराया गया