VS chauhan KI REPORT
अगले साल की शुरुआत में 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. इन पांच राज्यों में एक राज्य उत्तराखण्ड भी है, जहां हाल ही में राजनैतिक उठापटक के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथ में राज्य की कमान आ गई है. आखिर पुष्कर धामी कैसे चुनावी तैयारी कर रहे हैं और बेहद कम समय के कार्यकाल को लेकर जनता के बीच जाने की चुनौती का सामना कर रहे हैं,
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वो 104 दिनों से उत्तराखंड में सीएम बनकर लोगों की सेवा कर रहे हैं. आज भगवान राम का दर्शन करने के बाद वो भगवान राम के शासन का नाम लेकर चुनाव में जाएंगे.” अपने छोटे से कार्यकाल के सवाल पर उन्होंने कहा,” लोग बीजेपी पर विश्वास करते हैं. मैंने अपने 104 दिन के कार्यकाल में सभी वर्गों के लिए अबतक 300 से ज़्यादा फ़ैसले लिए हैं. हमने संकल्प लिया है कि हम उत्तराखंड के सबसे पिछड़े इलाक़ों तक पहुंचकर विकास करेंगे.
6 महीने में 3 मुख्यमंत्री बदलने पर उन्होंने कहा कि दल वही है, विचारधारा वही है, दिशा भी वही है बस चेहरा बदल गया है. मुझसे पहले के मुख्यमंत्रियों ने अच्छा काम किया था, हम उन्हीं कामों को आगे बढाने का काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में विकास के कामों को गिनाते हुए बताया कि उत्तराखंड के पहाड़ों पर रेलवे की लाइन बिछ रही है. ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल लाइन बनाने का काम चल रहा है. टनकपुर से बागेश्वर तक भी रेल पहुंचेगी. इसके अलावा हवाई सेवा का विस्तार करने के साथ साथ चार धाम यात्रा के लिए ऑल वेदर रोड बनाई जा रही है. इन्हीं कामों को लेकर जनता के बीच बीजेपी जाएगी.
कांग्रेस से बीजेपी में आये वरिष्ठ दलित नेता यशपाल आर्या के वापस कांग्रेस में जाने के सवाल पर पुष्कर धामी ने कहा कि बीजेपी एक कैडर वाली पार्टी है जहां सामान्य से सामान्य कार्यकर्ता बेहतर काम करता है. हमारी पार्टी में बहुत बड़े बड़े नेता हैं. हरीश रावत की सक्रियता पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस की कोई चुनौती नहीं है. उत्तराखंड की जनता मोदी जी के कामों को और राज्य सरकार के कामों को देख रही है. हम अपने कार्यकाल में जहां भी गए हमें सबका साथ मिला है. उत्तराखंड की जनता हमारी भगवान है और हमारे भाव को समझती है
सीएम पुष्कर धामी ने आम आदमी पार्टी के मुफ़्त बिजली देने की घोषणा के सवाल पर कहा कि बहुत से दल राज्य में एंट्री कर रहे हैं इसलिए किसी एक दल की बात करना ठीक नहीं. आम आदमी पार्टी जो काम दिल्ली में नहीं कर पाई वो उत्तराखंड में क्या करेगी. राज्य की भौगोलिक परिस्थितियां अलग हैं. यहां राजस्व वसूली का दायरा सीमित है. उत्तराखंड की जनता राष्ट्रवादी होने के साथ साथ स्वाभिमानी है. उत्तराखंड की जनता इन जुमलों में नहीं आने वाली है. हमारा स्पष्ट मत है कि हम मोदी जी के शासन को आधार बनाकर उत्तराखंड के विकास पर काम करेंगे.
आपको बता दें कि उत्तराखंड में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा के चुनाव होने हैं. राज्य में विधानसभा की कुल 70 सीटें हैं. 2017 में बीजेपी को 70 में से 56 सीटें मिली थीं और त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया था. हालांकि 2021 में त्रिवेंद्र सिंह रावत की कुर्सी चली गई और तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया. तीरथ सिंह रावत भी लंबी पारी नहीं खेल पाए और सिर्फ 114 दिनों बाद उन्हें भी पद छोड़ना पड़ा. इसके बाद चुनाव से 6 महीने पहले पुष्कर सिंह धामी के हाथ में सत्ता दी गई. अब बीजेपी धामी के चेहरे पर मैदान में जाने वाली है.
विपक्ष में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत पुरज़ोर कोशिश में हैं कि एक बार फिर वो सत्ता पर काबिज़ हो जाएं. इसके अलावा आम आदमी पार्टी भी पूरी ज़ोर आज़माइश कर रही है कि वो उत्तराखंड में अपना जनाधार बढ़ा सके. आप ने उत्तराखंड में अजय कोठियाल को मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित कर ग्रामीण क्षेत्र में मुफ़्त बिजली और शहरी क्षेत्र में 300 यूनिट तक फ्री बिजली देने का वादा किया है. अब देखना होगा कि क्या उत्तराखंड में बीजेपी सत्ता वापस पा लेती है या राजनैतिक उठापटक का खमियाज़ा उसे चुनाव में उठाना पड़ता है.