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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी लोगों से डिजिटल लेन-देन करने की अपील की है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि, ‘कोरोना वायरस देश के लिए हर तरह से बड़ा संकट है और बचाव के लिए डिजिटल लेन-देन जरूरी है। लोग घर पर रह कर ही डिजिटल लेन-देन करें। इसके लिए डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और अन्य मोबाइल एप इस्तेमाल किए जा सकते हैं। डिजिटल लेन-देन करें और सुरक्षित रहें।’ इसकी के मद्देनजर आज केंद्रीय बैंक ने बड़ी घोषणा की। रिजर्व बैंक ने तत्काल भुगतान सेवा (IMPS) के जरिए होने वाले लेनदेन की सीमा बढ़ा दी है। अब ग्राहक आईएमपीएस के जरिए एक दिन में दो लाख रुपये के बजाय पांच लाख रुपये का लेनदेन कर सकते हैं। यानी अब आपके लिए ऑनलाइन फंड ट्रांसफर करना और आसान हो गया है।
क्या है आईएमपीएस ?
आईएमपीएस के जरिए ग्राहकों को तत्काल भुगतान सेवा मिलती है। यह सुविधा मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग की मदद से इंटर-बैंक लेनदेन की सुविधा प्रदान करता है। इसके जरिए ग्राहक अब एक दिन में पांच लाख रुपये तक भेज सकते हैं।
डिजिटल लेनदेन के दो और तरीके
मालूम हो कि भारत में ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से कहीं भी, कभी भी पैसे भेजे जा सकते हैं, लेकिन पैसे भेजने के तरीके अलग-अलग हैं। ग्राहक आईएमपीएस के अलावा नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (NEFT) और रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम (RTGS) के जरिए भी डिजिटल लेनदेन कर सकते हैं।
क्या है आरटीजीएस?
आरटीजीएस का मतलब है रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम। ‘रियल टाइम’ का मतलब है तुरंत। मतलब जैसे ही आप पैसा ट्रांसफर करें, कुछ ही देर में वह खाते में पहुंच जाए। आरटीजीएस के जरिए जब आप लेनदेन करते हैं तो दूसरे खाते में तुरंत पैसा ट्रांसफर हो जाता है। आरटीजीएस के जरिए एक बार में दो लाख रुपये से कम अमाउंट ट्रांसफर नहीं हो सकता। वहीं मैक्सिमम अमाउंट की लिमिट अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग है।
क्या है एनईएफटी?
एनईएफटी का मतलब है नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर। इंटरनेट के जरिए दो लाख रुपये तक के लेन-देन के लिए एनईएफटी का इस्तेमाल किया जाता है। इसके जरिए किसी भी शाखा के किसी भी बैंक खाते से किसी भी शाखा के बैंक खाते को पैसा भेजा जा सकता है। NEFT के जरिए फंड ट्रांसफर करने की कोई मिनिमम लिमिट नहीं है यानी आप कितना भी पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। वहीं इसके जरिए मैक्सिमम लिमिट बैंकों के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है।