देहरादून का क्यारकुली-भट्ठा गांव प्रदेशभर के सभी गांवों के लिए मिसाल साबित हो रहा है। जानने के लिए पढ़ें खबर.

VS CHAUHAN KI REPORT

देहरादून का क्यारकुली-भट्ठा गांव हर प्रकार से प्रदेशभर के सभी गांवों के लिए मिसाल साबित हो रहा है। बिजली-पानी से लेकर स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण में गांव अव्वल है। यहां हर घर में बिजली कनेक्शन और नल से जल की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा गांव की सभी नालियां अंडरग्राउंड हैं और हर घर में शौचालय है। आंगनबाड़ी-स्कूलों आदि में भी बिजली-पानी की समुचित व्यवस्था है। कुछ साल पहले पेयजल के लिए टैंकरों के भरोसे रहने वाले गांव में अब घर-घर में पर्याप्त पानी पहुंच रहा है।

दून से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर मसूरी के पास बसा क्यारकुली-भट्ठा गांव स्वच्छता और संसाधनों के चलते पर्यटकों को भी अपनी ओर खींच रहा है। गांव की प्रधान कौशल्या रावत ने बताया कि प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण इस गांव में 35 होम स्टे हैं। यहां पर्यटन सीजन में बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं, जिससे स्वरोजगार की संभावनाएं बढ़ी हैं। यहां स्वच्छता पर गंभीरता से कार्य किया गया है। प्रधान ने बताया कि उन्होंने 10 लाख की निधि में से ढाई लाख रुपये पेयजल व्यवस्था दुरुस्त करने और साढ़े सात लाख रुपये स्वच्छता व्यवस्था पर खर्च किए। 340 परिवारों के इस गांव में वेस्ट मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

क्यारकुली-भट्ठा में पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए ग्रामीणों ने करीब 22 हजार पौधे रोपे हैं। इसमें भी प्राकृतिक जल स्रोतों के आसपास पौधे लगाकर जल संरक्षण का प्रयास किया गया है। ग्राम प्रधान के पति राकेश रावत ने बताया कि कुल नौ जल स्रोतों से गांव की पानी की मांग पूरी होती है। साथ ही सोकपिट बनाकर भू-जल को भी रीचार्ज किया जा रहा है। गांव के आसपास एक लाख पौधे रोपने का लक्ष्य है। साथ ही चाल-खाल तैयार करने की भी योजना है।

शनिवार को वर्चुअल माध्यम से प्रधानमंत्री ने ग्रामीणों से संवाद किया तो पूरे गांव में जश्न का माहौल था। महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में कार्यक्रम स्थल पर पहुंचीं, जबकि बच्चे व बुजुर्ग भी बड़े उत्साह के साथ संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान काबीना मंत्री गणेश जोशी, पेयजल सचिव नितेश झा, जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार समेत जल संस्थान और प्रशासन के कई अधिकारी भी कार्यक्रम में शामिल हुए।

पानी की शुद्धता जांच को गांव की पेयजल स्वच्छता समिति बनाई गई है। पांच सदस्यीय यह समिति समय-समय पर अलग-अलग स्थानों पर पानी की जांच करती है। बीते माह समिति ने 26 बार पानी की जांच की, जिसमें पेयजल शुद्ध पाया गया। महिलाओं की इस समिति को जल संस्थान की ओर से वाटर टेस्टिंग किट प्रदान की गई हैं।

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