VS chauhan KI REPORT
पंजाब में जारी सियासी संग्राम के बीच पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हुई मुलाकात के तमाम सियासी मायने टटोले जा रहे हैं।
उत्तराखंड की राजनीति पर भी असर पड़ना तय
सियासी जानकारों के मुताबिक, पंजाब कांग्रेस के मसले पर पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल की ओर से पार्टी नेतृत्व की क्षमता पर उठाए गए सवालों और कैप्टन के भाजपा में जाने की चर्चाओं के बीच उत्तराखंड की राजनीति पर भी इसका असर पड़ना तय है। हालांकि उत्तराखंड कांग्रेस के नेता ऐसा नहीं मानते हैैं।
पंजाब कांग्रेस में मची घमासान के तार उत्तराखंड से भी जुड़े हैं। पूर्व सीएम हरीश रावत पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हैं। उन्हें उत्तराखंड में भी चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। 2022 में दोनों राज्यों में एक साथ चुनाव होने हैं। पार्टी के लिए दोनों की राज्यों में स्थिति असहज बनती नजर आ रही है। पार्टी के बाहर ही नहीं, भीतर के भी नेता इस मौके को भुनाने की पूरी कोशिश करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का कहना है कि पार्टी हाईकमान मसले का हल निकालने के लिए पूरी तरह सक्षम है। इन राजनीतिक घटनाओं का उत्तराखंड की राजनीति पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है।
पार्टी के महासचिव संगठन मथुरा दत्त जोशी कहते हैं कि पार्टी इस वक्त संघर्ष के दौर से गुजर रही है। ऐसे समय में पार्टी छोड़कर जाने वालों की अवसरवादिता का जनता ही जवाब देगी। पार्टी ने बहुत से लोगों को बहुत कुछ दिया है। लेकिन अगर वह मुश्किल समय में पार्टी का साथ छोड़ते हैं तो जनता उन्हें सबक सिखाएगी। इस संबंध में पूर्व सीएम हरीश रावत से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो पाए।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह मुख्यमंत्री रहते हुए भी केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात करते रहे हैं। आगे क्या होता है, यह समय बताएगा।
– मदन कौशिक, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा