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आज के दौर में ब्लूटूथ इयरफोन्स, हेडफोन्स और इयरबड्स से गाने सुनने का फैशन है और यह चलन कम होता नहीं दिख रहा है. चाहे जो भी जगह हो, लोगों के पास अपने वायरलेस इयरफोन्स जरूर होते हैं. इन्हें इस्तेमाल करना लोगों को पसंद जरूर है लेकिन ये समझना भी जरूरी है कि इन वायरलेस डिवाइसेज से निकलने वाले रेडियो फ्रीक्वेन्सी (RF) रेडिएशन्स सेहत के लिए काफी हानिकारक हैं. द यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो के जेरी फिलिप्स ने इस विषय पर काफी रिसर्च की है और कई दिल दहलाने वाले खुलासे भी किए हैं. ब्रेन कैंसर, न्यूरोलॉजिकल और जेनेटिक डिसऑर्डर्स और याददाश्त का कमजोर होना, ये कुछ उन खतरनाक बीमारियों के नाम हैं जो उनके अनुसार लंबे समय तक वायरलेस इयरफोन्स पर गाने सुनने से हो सकती हैं. आइए जानें कि वे और क्या कहते हैं..
अगर आप लंबे समय तक इन वायरलेस हेडफोन्स, इयरफोन्स, इयरबड्स, इत्यादि का इस्तेमाल करते हैं तो इनसे निकलने वाले रेडियो फ्रीक्वेन्सी (RF) रेडिएशन्स और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन्स आपकी सेहत को हानि पहुंचा सकते हैं. द यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो के जेरी फिलिप्स के मुताबिक 42 देशों के 247 विज्ञानिकों ने इन वायरलेस डिवाइससेज से निकलने वाले रेडिएशन्स और उससे सेहत पर होने वाले बुरे प्रभावों के बारे में यूनाइटेड नेशन्स और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन में याचिका दर्ज की थी. उन्होंने छोटे इयरफोन्स या इयरबड्स से होने वाले प्रभावों पर विशेष बल दिया.
वैज्ञानिकों की मानें तो छोटे इयरफोन्स और इयरबड्स भी काफी खतरनाक होते हैं क्योंकि ये कान में इन्सर्ट किए जाते हैं और इनसे निकलने वाले रेडिएशन्स कान और दिमाग, दोनों को ही नुकसान पहुंचाते हैं. इनके नॉन-आयोनाइजिंग रेडिएशन्स के लगातार कॉन्टैक्ट से ब्रेन टिशू खराब हो सकते हैं जिससे न्यूरोलॉजिकल बीमारियां हो सकती हैं. ये रेडिएशन्स ब्रेन में पनपने वाले किसी ट्यूमर को भी बढ़ाने का काम कर सकते हैं जिससे ब्रेन कैंसर होने की आशंका है.
यह तो मानी हुई बात है कि लगातार इयरफोन्स लगाकर म्यूजिक सुनने से कान के परदों पर बुरा प्रभाव पड़ता है और सिर दर्द, कम सुनाई देना और बहरापन काफी कॉमन है. साथ ही, अगर आप कभी किसी और के इयरफोन्स को इस्तेमाल करते हैं तो कान में इन्फेक्शन होने का भी डर है.
टिनिटस नाम की भी एक बीमारी ऐसे में काफी प्रचलित है जहां तेज आवाज पर गाने सुनने के कारम आपको गाने न सुनते हुए भी लगातार अपने कानों में एक आवाज सुनाई देती रहती है. इसमें चक्कर भी आते हैं.
आज कल छोटे बच्चे भी मोबाइल फोन्स और टीवी की स्क्रीन से चिपके रहते हैं और ऐसे में उनकी भी इयरफोन्स इस्तेमाल करने की आदत हो गई है. कुछ रिसर्चर्स के मुताबिक छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए इन इयरफोन्स के रेडिएशन्स और भी ज्यादा खतरनाक हैं.
जहां ये रेडिएशन्स गर्भवती महिलाओं में प्रेग्नेन्सी लॉस की आशंका को सामान्य से ज्यादा बढ़ा देते हैं वहीं इनके प्रभाव से बच्चे के दिमाग पर भी इसका असर पड़ सकता है. बच्चों की बात करें तो बड़ों की तुलना में ये रेडिएशन्स बच्चों को ज्यादा हानि पहुंचाते हैं क्योंकि उनका सिर छोटा होता है और ऐसे में ब्रेन टिशूज को जल्दी और गहरे तरीके से डैमिज पहुंच सकता है.
इन रेडिएशन्स और बीमारियों से बचा जा सकता है. सबसे पहले यह कोशिश करें कि आप वायरलेस की जगह वायर्ड इयरफोन्स का इस्तेमाल करें या फिर स्पीकर पर गाने सुनें. फोन पर बात करते समय 10-इंच की दूरी पर रखें और जब इन गैजिट्स को इस्तेमाल न कर रहे हों, तो अपने शरीर से इन्हें दूर रखें. लंबे समय तक गाने सुनने या वीडियो देखने के लिए स्पीकर्स का इस्तेमाल करें और जब आप अपने वायरलेस डिवाइसेज को इस्तेमाल न कर रहे हों तो उन्हें अपने गले या कान से निकालकर अलग रख दें.
रिसर्चर्स का मानना है कि दिन में 60 मिनट से ज्यादा इयरफोन्स का इस्तेमाल करना हानिकारक है. हमारी ये छोटी-छोटी लापरवाहियां हमें बाद में काफी महंगी पड़ सकती हैं. गाने सुनना सभी को अच्छा लगता है लेकिन हमें ध्यान रखना होगा कि हम इसमें अपनी सेहत को हानि न पहुंचाएं.