VS chauhan KI REPORT
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा उत्तराखंड के बाड़ाहोती इलाके में पिछले महीने घुसपैठ की कोशिश की खबरों के बाद हंगामा बरपा है. सूत्रों के अनुसार इससे पहले भी चमोली ज़िले के बड़ाहोती ‘नो-मैन्स लैंड’ में चीनी आर्मी के जवान आते रहे हैं लेकिन ये पहली बार हुआ, जब पिछले महीने बड़ी संख्या में जवान वहां चहलकदमी करते देखे गए थे. चीन की इस करतूत को उकसाने वाली हरकत माना जा रहा है.
भारत और चीन के बीच कई महीनों से चला आ रहा सीमा विवाद (India China Standoff) खत्म होता नहीं दिख रहा है। गलवान घाटी में हुई हिस्सा के लिए भारत को जिम्मेदार बताना वाला चीन, खुद ही अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। News18 ने सूत्रों के हवाले से मंगलवार को कहा कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के 100 सैनिकों ने 30 अगस्त को उत्तराखंड (Uttarakhand) के बाराहोती (Barahoti) में भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की। ये सैनिक घोड़ों पर आए थे और “तीन घंटे” तक इस इलाके में रहे।
सूत्रों ने आगे कहा कि चीनी सेना ने एक फुट ब्रिज को नष्ट कर दिया, लेकिन भारतीय सुरक्षा बलों के साथ कोई आमना-सामना नहीं हुआ। सूत्रों ने कहा, “जब तक सेना और ITBP के जवान आए, तब तक PLA के जवान वहां से जा चुके थे।”
ये घटना तब हुई है, जब पूर्वी लद्दाख में सैन्य टकराव 17 महीनों से जारी है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट ने अपने सूत्रों के हवाले से कहा था कि नई इंटेलिजेंस एंड सर्विलांस रिपोर्ट से पता चलता है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने पूर्वी लद्दाख के सामने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ “कम से कम आठ और फॉरवर्ड लोकेशन” में अपने सैनिकों के लिए “नए मॉड्यूलर कंटेनर-आधारित आवास” का निर्माण किया है।
भारत और चीन दोनों ने पूर्वी लद्दाख में LAC के साथ “तत्काल गहराई वाले क्षेत्रों” में हॉवित्जर, टैंक और सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल सिस्टम सपोर्ट के साथ लगभग 50,000 सैनिकों की तैनाती जारी रखी है।
इस तनावपूर्ण शांति के बीच, दोनों सेनाएं कठोर इलाके और ज्यादा ऊंचाई वाले क्षेत्र में ऑक्सीजन की कमी के कारण अपने सैनिकों को नियमित रूप से रेटेट कर रही हैं, जबकि एक-दूसरे पर नजर रखने के लिए विमान और ड्रोन भी तैनात कर रही हैं।
इससे पहले चीन ने पिछले साल 15 जून, 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसा के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया था। इस संघर्ष में 20 भारतीय और चार चीनी सैनिक मारे गए थे। ड्रैगन ने आरोप लगाते हुए कहा था कि नई दिल्ली ने सीमा संबंधी सभी समझौतों का उल्लंघन किया और चीनी पर अतिक्रमण किया।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा, “पिछले साल, गलवान घाटी की घटना हुई, क्योंकि भारत ने सभी समझौतों और संधियों का उल्लंघन किया और चीनी क्षेत्र पर अतिक्रमण किया, अवैध रूप से LAC को पार किया। हमें उम्मीद है कि भारत सभी समझौतों का पालन करेगा और ठोस कार्रवाई के साथ सीमा क्षेत्र में शांति स्थिरता बनाए रखेगा।”