जानिए कैसे लाइनमैन के पद पर कार्य करने वाले रेलकर्मी को सेवानिवृत्ति के समय ग्रुप डी का खलासी बना दिया.

VS CHAUHAN KI REPORT

कभी-कभी किसी की लापरवाही या दूसरे शब्दों में कहें भूलवश किसी की फाइल में कमी रह जाने पर उसके अनोखे  दिलचस्प परिणाम निकल जाते हैं दूसरे शब्दों में कभी-कभी कुछ घटनाएं और कभी-कभी कुछ निर्णय ऐसे होते हैं कि दूसरे लोगों को आश्चर्य में डाल देते हैं ऐसा ही कुछ पूर्वोत्तर रेलवे की कार्य प्रणाली भी निराली है। 32 सालों से लगातार ग्रुप सी के तहत लाइनमैन के पद पर कार्य करने वाले रेलकर्मी को सेवानिवृत्ति के समय ग्रुप डी का खलासी बना दिया है। रेलवे प्रशासन के इस सिस्टम से आहत निर्माण संगठन कार्यालय गोरखपुर स्थित विद्युत सब स्टेशन में तैनात लाइनमैन आलोक कुमार सिंह ने कार्यालय परिसर में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं।

लाइनमैन के पद पर 32 साल कार्य करने के बाद खलासी बन गए आलोक कुमार सिंह

बिना कुछ खाए-पीए न्याय की गुहार में बैठे रेलकर्मी को सुरक्षा बल ने देर शाम जबरदस्ती घर भेज दिया। रेलकर्मी लड़खड़ाते कदमों से अपने स्वजन के पास तो चल गए, लेकिन गुरुवार को सुबह से वह फिर से भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे। बकौल आलोक कुमार, अब जबतक न्याय नहीं मिल जाता, वे हड़ताल पर बैठे रहेंगे। उन्होंने रेलवे प्रशासन पर उनके व बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। बातचीत में उन्होंने बताया कि वह 30 सितंबर 2021 को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। कार्मिक विभाग के निरीक्षकों ने उन्हें 12 सितंबर को सेवानिवृत्त के लिए तैयार फाइलों पर हस्ताक्षर के लिए बुलाया था।

पद के साथ घट गया वेतन और पेंशन

हस्ताक्षर के समय उनकी निगाह पद पर पड़ी तो पैर के नीचे की जमीन खिसक गई। जीवन भर लाइनमैन के पद पर कार्य करने वाले कर्मी को खलासी बना दिया गया है। पूछने पर संबंधित कर्मचारियों ने पल्ला झाड़ लिया। उनका कहना है कि 1992 में उन्हें एढाक (मानदेय पर) पर पदोन्नति कर दी गई थी। उनकी तैनाती खलासी पर ही हुई है। जबकि, वह 16 मार्च 1989 को लाइनमैन के पद ही भर्ती हुए थे। 1992-93 में उन्हें लाइनमैन ग्रेड टू के पद पर पदोन्नति भी मिली थी। पे स्लिप में उनका पद लाइनमैन ही है। ऐसे में उनका दोष कहां है। अब खलासी बन जाने से वेतनमान 51400 की जगह 41800 हो जाएगा।

इसके चलते पेंशन में आठ से दस हजार की कटौती हो जाएगी। ऊपर से समापक भुगतान भी दस लाख कम मिलेगा। यही नहीं रेलवे प्रशासन ने उनके पूर्व के वेतन से भी कटौती का निर्देश जारी कर दिया है। उन्होंने पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक से न्याय की गुहार लगाई है।

पूर्वोत्तर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार के मुताबिक मामले की जांच करा ली जाएगी। यदि कोई अनियमितता मिलती है तो उसे ठीक कर लिया जाएगा। 

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