भारत में ही नहीं, दुनिया के दूसरे देशों में भी कई ऐसी नदियां हैं जिसे वहां के लोग पावन पवित्र मानते हैं. हम आपको ऐसी ही 10 नदियों के इतिहास के बारे में जानकारी दे रहे हैं. जानकारी के लिए पढ़िए पूरी खबर.

VS CHAUHAN KI REPORT

धरती  पर नदियां दुनिया के 1 फीसदी ताजे पानी का स्रोत होती हैं. नदियों के कारण इंसानों का ही नहीं जानवरों का भी जीवन बदल गया है. नदियां सिर्फ पानी का स्रोत नहीं, कई पानी के जीव-जंतुओं का घर भी होता है. कई धर्मों (Religions) में नदियों को पवित्र (Sacred Rivers) माना जाता है. सनातन धर्म में नदियों को तो देवी का रूप माना गया है और लोग उनकी पूजा करते हैं. यही वजह है कि भारत में कई बड़े उत्सव होते हैं जो नदियों के किनारे ही मनाए जाते हैं. इतिहास में देखें तो दुनिया की प्राचीन सभ्यताएं (Ancient Civilisation) भी नदियों के किनारे ही बसी हैं. दुनिया में गंगा नदी के पास  बसी सभ्याताएं आज के वक्त में सबसे घनी आबादी वाली जगह बन चुकी हैं. लेकिन सिर्फ भारत में ही नहीं, दुनिया के दूसरे देशों में भी कई ऐसी नदियां हैं जिसे वहां के लोग पावन पवित्र मानते हैं और वो नदियां उनके लिए बहुत मायने रखती हैं. आज हम आपको ऐसी ही 10 नदियों के इतिहास (History of 10 Sacred Rivers) के बारे में बताने जा रहे हैं

गंगा नदी (Ganga River) को दुनिया की सबसे पवित्र नदी माना जाता है. ये नदी हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए सिर्फ पानी का एक स्रोत नहीं है, ये नदी हिंदू की आस्था का प्रतीक है. गंगा देवी का रूप हैं और हजारों सालों से इस नदी ने भारतवर्ष के लोगों को जीवन दिया है. हिमालय की चोटियों से निकली गंगा, बांग्लादेश के लोगों के लिए भी जीवनदायनी से कम नहीं है. इस नदी के पास हजारों सालों से कई सभ्यताओं ने जन्म लिया है. आबादी बढ़ने से नदी पर बुरा प्रभाव पड़ा है नदी के कई हिस्से बेहद गंदे हो चुके हैं जिसे साफ करने की मुहिस शुरू होती रहती है. गंगा नदी किनारे पर 12 वर्ष बाद महाकुंभ का आयोजन भी होता है जिसे बहुत ही पवित्र माना जाता है.  ऐसी मान्यता है है कि गंगा नदी में अमृत की बूंद गिरी थी. जहां बूंद गिरी  उनमें से दो स्थानों को हरिद्वार और प्रयागराज कहा जाता है.

दक्षिण भारत के पेरु देश में लाइफलाइन की तरह उरुबांबा नदी (Urubamba River) को माना जाता है. उरुबांबा घाटी इंकास लोगों के लिए बहुत ही पवित्र मानी जाती है. यहीं पर इंकास लोगों का पवित्र स्थल माचु पिच्चु (Machu Picchu) स्थित है. 500 से 900 ईसवी में क्वाटाकाला लोगों ने इस जगह पर कब्जा कर लिया. इसके बाद 1420 ईसवी में यहां पर इंकास (Incas) लोगों ने कब्जा किया. यहां पर मक्के का उत्पाद होता है. उरुबांबा नदी इंकास लोगों के लिए खास इसलिए भी है क्योंकि उनका मानना था कि नदी आकाशगंगा का को दर्शती है.

ईसाई धर्म के अनुसार मध्य एशिया की जॉर्डन नदी (Jordan River) में प्रभु ईशु (Jesus Christ) को बपतिस्मा दिलाया गया था. इस वजह से ये नदी ईसाई धर्म वालों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. जॉर्डन नदी के पानी को पवित्र जल माना जाता है. यहूदियों के लिए भी ये नदी बेहद पवित्र है. इसराईली और अरब लोगों के बीच लड़ाई के चलते नदी काफी प्रदूषित हो चुकी है.

अमेरिका स्थित कोलंबिया नदी (Columbia River) लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध रही है. इस नदी के पास काफी लंबे वक्त से कई जनजातियां रह रही थीं. जहां से उन्हें रहने, खाने की सुविधा मिलती थी. नदी के पास इन जनजातियों ने कई पवित्र स्थल भी स्थापित किए हैं. 1957 में अमेरिकी सरकार ने इस क्षेत्र में एक डैम का निर्माण कर दिया. इसके चलते यहां से कई जनजातियों को जाना पड़ा. इस नदी के पास आज भी वेम लोग रहते हैं.

गंगा की ही तरह यमुना (Yamuna River) भी भारत में बेहद पवित्र नदी मानी जाती है. प्रयाग में जहां गंगा और यमुना का संगम है, उसे हिंदू मान्यता में सभी तीर्थस्थलों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है. आगरा शहर में यमुना नदी के किनारे ताज महल स्थित है जिससे नदी की खूबसूरत और बढ़ जाती है. हाल के दिनों में गंगा की ही तरह यमुना का भी जल बेहद गंदा हो चुका है. साफ-सफाई के अभाव के चलते नदी बेहद प्रदूषित हो चुकी है

अफ्रीका के नाईजीरिया (Nigeria) में पाई जाने वाली ओसुन नदी (Osun River) वहां के लोगों के लिए बीते कई सौ साल से जीवनदायनी बनी हुई है. योरुबा जनजाति के लिए ओसुन नदी बेहद लाभप्रद रही है और उन्होंने इस नदी के पास अपने कई पवित्र स्थलों का भी निर्माण किया है. इस नदी के पास कई ऐसी जगह मौजूद हैं जहां पुराने समय के आर्ट वर्क देखने को मिल जाते हैं.

अमेरिका की मिसूरी नदी (Missouri River) आज भी लोगों के लिए महत्वपूर्ण है. 20वीं सदी के मध्य में यहां एक डैम का निर्माण कर दिया गया था. उससे पहले ये नदी मोनटाना, उत्तरी डकोटा, और दक्षिण डकोटा में बहती थी. माना जाता है कि नदी के पास अमेरिका की 26 अलग जनजातियों का बसेरा रहा करता था. पुराने लोगों ने यहां जो भी काम की चीजों का निर्माण किया वो सब बाढ़ के कारण नष्ट होते चले गए.

सिंधु सभ्यात पूरी दुनिया में फेमस है. ये सभ्यता सिंधु नदी (Indus River) के पास ही बसी थी.  सिंधु नदी तिब्बत से निकलती है चीन ने तिब्बत में जबरदस्ती कब्जा किया हुआ है. जबकि तिब्बत के लोग चीन को बिल्कुल भी पसंद नहीं करते हैं. चीन से नफरत करते हैं.दरअसल, दलाई लामा के मुद्दे पर चीन अक्सर भारत का विरोध करता है। तिब्बत के बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा लंबे समय से भारत में रहे हैं।यह नदी भारत और पाकिस्तान दोनों में बहती है। और पाकिस्तान के खैबर पख्तून इलाके से होते हुए अरब सागर में गिरती है. ये नदी एशिया की सबसे लंबी नदियों की लिस्ट में शुमार है. हजारों सालों से इस नदी के पास लोग बसे हुए हैं और इस नदी का जिक्र महाभारत से लेकर वेद-पुराणों तक में है.

नेपाल (Nepal) और भारत (India) में पाई जाने वाली बागमती नदी (Bagmati River) भी आस्था और इतिहास के नाम पर बेहद खास नदी है. ये नदी हिंदुओं और बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए अहम है. ये काठमांडु से बहकर भारत में आती है. मान्यता है कि नदी में डुबकी लगाने से मोक्ष की प्राप्ती होती है. इसलिए नदी के पास अंतिम संस्कार भी किया जाता है.

न्यूजीलैंड (New Zealand) की अहम नदियों में शुमार व्हैंगानुई नदी (Whanganui River) वहां के लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. ये नदी देश के उत्तरी टापू के पास बहती है. माना जाता है कि व्हैंगानुई जनजाति के लोगों का रिश्ता इस नदी के साथ 900 साल से भी पुराना है. नदी से जुड़ी बेहद खास बात ये है कि इस नदी को साल 2017 में एक इंसान की तरह माना गया था. यानी कि लीगल तौर पर अब ये नदी एक इंसान है जिसे कानून से कई अधिकार प्राप्त हैं. यहां के माओरी लोग कई सालों से नदी का ध्यान रख रहे हैं. अब अगर कोई इस नदी को गंदा करेगा या इसके पास कोई गैरकानूनी काम करेगा तो ये नदी किसी पर केस भी कर सकती है.

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