VS CHAUHAN KI REPORT
देहरादून के एक निजी नशामुक्ति केंद्र में भर्ती महिलाओं के साथ वहां के प्रबंधक द्वारा कथित तौर पर यौन उत्पीड़न करने और दुष्कर्म करने तथा विरोध करने पर उनके साथ अमानवीय व्यवहार करने का मामला सामने आया है।
क्लेमेंटाउन थाने के अध्यक्ष डीएस रौतेला ने सोमवार को बताया कि मामले में ‘वॉक एंड विन’ नशा मुक्ति केंद्र की निदेशक विभा सिंह को गिरफ्तार किया गया है और अदालत ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है । उन्होंने बताया कि आरोपी प्रबंधक विद्यादत्त रतूडी अभी फरार है, उसकी तलाश की जा रही है।
मामला तब सामने आया जब शुक्रवार को चार महिलाएं निदेशक को कमरे में बंद करके केंद्र से भाग निकलीं और पुलिस को उन्होंने आपबीती सुनाई।
पिछले सप्ताह गुरुवार की सुबह साढ़े 5 बजे लड़कियों ने सेंटर की डायरेक्टर को रुम में लॉक किया और भागने में कामयाब रहीं। 19 से 26 साल की लड़कियों में से एक ने बातचीत में बताया, ‘मैं बीते 26 मई से ही रिहैबिलिटेशन सेंटर में थी। शुरू में तो मेरे साथ बहुत अच्छा व्यवहार हुआ। एक महीने बाद मेरी मां मुझसे मिलने आईं तो मैंने सेंटर पर ही रुककर स्वस्थ होने की इच्छा जाहिर की। लेकिन इसके बाद सेंटर की काली करतूत सामने आने लगी।’
उन्होंने बताया कि एक दिन वॉशरुम में कुछ लड़कियां ड्रग्स ले रही थीं। पूछने पर पता चला कि मैनेजर के साथ यौन संबंध बनाने पर जितना चाहो उतना ड्रग्स मिल जाएगा। वहां लड़कियों को ड्रग्स के नाम पर जबरन रेप किया जाता और इनकार करने पर डंडे से पिटाई की जाती। इतना ही नहीं, सजा के तौर पर नुकीले कोने वाले स्टूल या फिर टूटी हुई ईंट पर भी कई घंटे तक बैठाया जाता था। जबरन संबंध बनाने के अलावा बर्तनों की धीमी धुलाई या फिर तेज आवाज में बातचीत जैसी चीजों के लिए भी सजा दी जाती थी।
महिलाओं ने अपनी शिकायत में कहा कि नशा मुक्ति केंद्र का प्रबंधक महिलाओं को नशीला पदार्थ देने के बाद उनके साथ दुष्कर्म करता था और निदेशक उसके साथ मिली हुई थी।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि विरोध करने पर सजा के तौर पर महिलाओं को छडी से पीटा जाता था या घंटों टूटी ईंटों या नुकीले स्टूलों पर बैठने को मजबूर किया जाता था।
उन्होंने बताया कि तीन महिलाओं ने अपने साथ यौन उत्पीड़न और एक ने दुष्कर्म की शिकायत की है । उन्होंने बताया कि उसकी चिकित्सकीय रिपोर्ट आने की प्रतीक्षा की जा रही है ।