देहरादून बंजारावाला नरेंद्र विहार की रहने वाली प्रीति (काल्पनिक नाम) नाम की महिला और उसके परिवार ने प्रीति के पति रामपुर एकता विहार में रहने वाले राघवेंद पर आरोप लगाए हैं. कि प्रीति के पति राघवेंद्र द्वारा प्रीति को शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना दी गई है. प्रीति के पति राघवेंद्र ने प्रीति के नाम एक कंपनी बनाकर और धोखे से हस्ताक्षर करवा कर फ्रॉड भी किया है. जिसके कारण जो लोग लेनदार हैं. वह लोग प्रीति और उसके परिवार को धमकियां भी देते हैं.
प्रीति के परिवारवालों के मुताबिक पटेल नगर थाने में एफ आई आर दर्ज होने के बाद और सभी धाराओं में सत्यता की जांच होने के बावजूद उनको न्याय नहीं मिला है. प्रीति के परिवार वाले थाने से लेकर सभी संबंधित अधिकारियों के कार्यालयों में पिछले 4 महीने से धक्के खा रहे हैं. और अभी तक राघवेंद्र सिंह और उसके परिवार पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है.
इससे पहले गौरतलब है कि प्रीति (काल्पनिक नाम) के परिवार के मुताबिक रामपुर उत्तर प्रदेश निवासी राघवेंद्र सिंह का विवाह 2017 में प्रीति के साथ हुआ था. शादी के बाद से ही प्रीति पर अलग-अलग बहाने बनाकर दहेज का दबाव डाला गया. और फिर प्रीति (काल्पनिक नाम) के पति और उसके परिवार द्वारा विश्वास में लेकर एक कंपनी खोली गई उसके लिए प्रीति से कई जगह हस्ताक्षर करवा लिए गए और उसके बाद कंपनी में घाटा बताकर बैंक से लोन, प्रीति के भाई से क्रेडिट कार्ड पर लोन और कार लोन आदि लिया गया. उसके बाद प्रीति के पति के दूसरी महिलाओं से संबंध पता चलने पर प्रीति ने राघवेंद्र का विरोध किया इस पर प्रीति को तरह तरह से पड़ताना दी गई.
प्रीति और उसके घरवालों के मुताबिक राघवेंद्र सिंह द्वारा लाखों की ठगी करने के बाद 2021 में अपनी पत्नी यानी प्रीति को अपने अपहरण की झूठी सूचना देकर नाटक रचा. पुलिस द्वारा खुलासा करने पर पुलिस के मुताबिक राघवेंद्र सिंह का अपने अपहरण का झूठा नाटक था. पुलिस द्वारा पूछने पर राघवेंद्र ने अपने ऊपर कर्ज होने का दावा किया था. वह इस कर्जे से बचना चाहता था. यह खबर भी अलीगढ़ के अखबार अमर उजाला और दैनिक जागरण की सुर्खियां बनी थी.
जबकि दूसरी तरफ रामपुर के राघवेंद्र सिंह के परिवार वाले और परिचित यह कह रहे हैं. राघवेंद्र सिंह ने कंपनी बनाई थी. उसमें घाटा हो गया. इस कारण राघवेंद्र सिंह पर कर्जा हो गया था. उसने कोई फ्रॉड नहीं किया. रामपुर के राघवेंद्र सिंह के परिजन और परिचित आरोपों से इंकार कर रहे हैं.